मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किए 4000 करोड़ रुपये की परियोजना के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

शिमला : मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज नई दिल्ली में ऊपरी यमुना जलाश्य में 4000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली बहुउद्देशीय परियोजना लखवार (एमपीपी) के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए आयोजित समारोह में भाग लिया। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी एवं जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में छः राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

लखवार बहुद्देशीय परियोजना के लिए यमुना नदी पर 330 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) की जीवंत भण्डारण तथा 330 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले 204 मीटर ऊंचे बांध का निर्माण किया जाएगा। परियोजना से 79 एमसीएम स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जो छः राज्यों में पानी की कमी से निजात दिलाने में मददगार होगी। इससे गैर-मानसून के दौरान यमुना नदी के प्रवाह में 65 प्रतिशत की वृद्धि और 34,000 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र सिंचाई के तहत आएगा। जल घटक परियोजना की 90 प्रतिशत लागत भारत सरकार जबकि शेष 10 प्रतिशत हिस्सा राज्यों द्वारा उन्हें 12.05.1994 के समझौता ज्ञापन के आधार पर आवंटित जल हिस्सेदारी के अनुपात के आधार पर इन राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा। परियोजना के विद्युत घटक की लागत का वहन उत्तराखण्ड द्वारा किया जाएगा और वे ऊर्जा उत्पादन का लाभ प्राप्त करेंगे। परियोजना का निर्माण उत्तराखण्ड सरकार द्वारा 54 माह के भीतर किया जाएगा तथा परियोजना के कार्यों की निगरानी अप्पर यमुना नदी बोर्ड द्वारा की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश को हिस्से में रूप में 3.15 प्रतिशत पानी मिलेगा और तदानुसार परियोजना के जल घटक का राज्य हिस्से के रूप में 8 करोड़ रुपये का योगदान करेगा। उन्होंने कहा कि यमुना नदी तथा इसकी सहायक नदियों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रों में आने वाली टोंस और गिरि नदी पर कुल तीन मुख्य भण्डारण परियोजनाओं का निर्माण प्रस्तावित है जिसमें 330 एमसीएम लाइव स्टोरेज की बहुद्देशीय लखवार परियोजना, टोंस नदी से 300 मेगावॉट बिजली उत्पादन और हिमाचल प्रदेश में 498 एमसीएम लाइव भण्डारण वाली हिमाचल प्रदेश की रेणुका परियोजना तथा गिरी नदी पर 40 मेगावॉट बिजली उत्पादन परियोजनाएं शामिल हैं। केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *