शहीद औरंगजेब समेत 7 को शौर्य चक्र व नौसेना की 6 महिला अफसरों को वीरता पुरस्कार

नई दिल्ली:  जम्मू-कश्मीर में शहीद सेना के जवान औरंगजेब, मेजर आदित्य कुमार और सीआरपीएफ के 5 जवानों को शौर्य चक्र मिलेगा। वहीं, आईएनएस तारिणी से समुद्र परिक्रमा पूरी करने वाली नौसेना की 6 महिला अफसरों को वीरता के लिए नव सेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा। स्‍वतंत्रता दिवस से पहले गृह मंत्रालय ने मंगलवार को वीरता पुरस्कारों का ऐलान किया। इस साल कुल 942 पुलिस मेडल दिए जाएंगे।

जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए सीआरपीएफ के 2 जवानों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा जाएगा। इसके अलावा सीआरपीएफ को सबसे ज्यादा 89 वीरता पदकों का ऐलान हुआ। जम्मू-कश्मीर पुलिस 37 वीरता पदकों के साथ दूसरे नंबर पर है। ओडिशा पुलिस को 11, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को 10, महाराष्ट्र पुलिस को 8 और छत्तीसगढ़ पुलिस को 6 वीरता पदक मिलेंगे।

शौर्य चक्र वीरता के लिए दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च पदक : 5 जून, 2017 को बांदीपोरा में सीआरपीएफ के सुम्बल कैंप पर हुए आतंकी हमले के वक्त वीरता दिखाने के लिए हेड कॉन्स्टेबल एएस कृष्णा, कॉन्स्टेबल के दिनेश राजा और प्रफुल्ल कुमार को शौर्य चक्र से नवाजा गया। शौर्य चक्र वीरता के लिए दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च पदक है। हमले में 4 आतंकी मारे गए थे। वहीं, 26 अगस्त, 2017 में पुलवामा में आतंकी हमले के दौरान बहादुरी दिखाने वाले डिप्टी कमांडेंट केएस चहर और शहीद कॉन्स्टेबल डी रविंद्र बबन को भी शौर्य चक्र दिया जाएगा।

इसके अलावा, दिसंबर 2017 में अवंतीपुरा के लैथापोरा स्थित सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमले में शहीद हुए कांस्टेबल शरीफुद्दीन गनई और हेड कॉन्स्टेबल मोहम्मद तफैल को मरणोपरांत राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक (पीपीएमजी) दिया जाएगा। गनई और तफैल के अलावा उनके 8 साथियों को भी वीरता पदक से नवाजा जाएगा।

शहीद औरंगजेब: आतंकियों ने 15 जून को जवान औरंगजेब का अपहरण कर लिया था। वे 44 राष्ट्रीय राइफल के साथ शोपियां के शादीमर्ग में तैनात थे। राजौरी जिले के मेंढर निवासी औरंगजेब ईद मनाने के लिए सुबह 9 बजे घर के लिए निकले थे। आतंकियों ने औरंगजेब को बंधक बनाकर रखा और अफसरों के बारे में पूछताछ की थी। इसके बाद उनका शव पुलवामा जिले में गोलियों से छलनी हालत में मिला था। वे मेजर शुक्ला के साथ तैनात थे। मेजर शुक्ला ने मई में आतंकी समीर टाइगर को मुठभेड़ में मार गिराया था।

मेजर आदित्य कुमार : गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। उन्होंने आतंकियों के खात्मे के लिए कई सफल ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई। 27 जनवरी को सेना का काफिला सर्च ऑपरेशन से लौट रहा था। इसी दौरान शोपियां में प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। जवानों को अपनी जान बचाने के लिए फायरिंग तक करनी पड़ी। इसमें तीन पत्थरबाज मारे गए थे। जम्मू-कश्मीर सरकार ने मेजर आदित्य और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। मेजर के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह ने एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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