प्रदेश में भारी बारिश का कहर : भू-स्खलन के कारण 923 सड़कें अवरूद्ध, 6 राष्ट्रीय उच्च मार्ग भी शामिल और 16 लोगों की मौत

  •  सरकार ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए 96.50 करोड़ रुपये जारी
  • मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को खराब मौसम के पूर्वानुमान के दृष्टिगत विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए शिक्षण संस्थानों को 14 अगस्त को बंद करने के निर्देश

शिमला: प्रदेश में पिछले 24 घण्टों के दौरान हुई भारी वर्षा से जान-माल को हुए नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 96.50 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने आज यहां प्रदेश में बारिश से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। प्रदेश के सभी उपायुक्तों ने भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एक अप्रैल, 2018 से लेकर कुल 229 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है और जिलों की आवश्यकता के अनुरूप और धनराशि जारी की जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य मुख्यालय पर प्राप्त अंतिम सूचना के अनुसार अब तक विभिन्न जिलों से 16 व्यक्तियों की मृत्यु का समाचार है, जिनमें बिलासपुर तथा ऊना जिले में एक-एक, हमीरपुर में दो, मण्डी में चार तथा सोलन जिले में आठ व्यक्तियों की मुत्यु हुई है। प्रभावित परिवारों को जिला प्रशासन के माध्यम से अंतरिम राहत प्रदान की गई है।

मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को खराब मौसम के पूर्वानुमान के दृष्टिगत विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए शिक्षण संस्थानों को 14 अगस्त को बंद करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उपायुक्तों को पर्यटक तथा स्थानीय लोगों को नदियों के किनारे नहीं जाने देने के लिए कदम उठाने व ट्रैकिंग गतिविधियों पर नजर रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़कों, जल व विद्युत आपूर्ति की बहाली के लिए पर्याप्त श्रमशक्ति व मशीनरी तैनात की गई है तथा उपायुक्तों व सम्बन्धित विभागों को धनराशि जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी हिस्से में आवश्यक खाद्य सामग्री की कोई भी कमी नहीं है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व एवं लोक निर्माण मनीषा नंदा ने कहा कि प्रदेश में भू-स्खलन के कारण 923 सड़कें अवरूद्ध हैं, जिनमें 6 राष्ट्रीय उच्च मार्ग भी शामिल हैं। विभाग इन सड़कों को शीघ्रातिशीघ्र खोलने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि बचाव और राहत कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है और अगर आवश्यक हो तो उपायुक्त सड़कों को बहाल करने व अन्य कार्यों के लिए स्थानीय स्तर पर भी मशीनरी किराये पर ले सकते हैं।

उपायुक्त कुल्लू ने बताया कि मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग भू-स्खलन के कारण अवरूद्ध है और इस मार्ग को खोलने के लिए युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। कांगड़ा जिले में 85 सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ है, जिनमें से अधिकतर सड़कों को सोमवार सायं तक आरम्भ कर दिया जाएगा। पठानकोट- मण्डी सड़क मार्ग पर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है और लम्बागांव में फंसे लोगों को जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित निकालने के प्रयास जारी हैं।

शिमला के उपायुक्त ने बताया कि शिमला शहर में अवरूद्ध यातायात को पुनः आरम्भ कर दिया गया है और सभी क्षेत्रों में सोमवार सायं तक विद्युत आपूर्ति को भी बहाल कर दिया जाएगा।

हमीरपुर जिले के भोरंज क्षेत्र में भू-स्खलन के कारण दो व्यक्तियों की मृत्यु का समाचार है। उपायुक्त ने कहा कि 50 सड़कों को यातायात के लिए चालू कर दिया गया है, जबकि शेष 13 सड़कों को कल तक पुनः आरम्भ कर दिया जाएगा।

उपायुक्त सोलन ने बताया कि जिले में 8 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है और जिले में 102 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें से 62 सड़कों को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। कुमारहट्टी-नाहन सड़क को भी छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।

बिलासपुर जिले के स्वारघाट राष्ट्रीय उच्च मार्ग तथा बिलासपुर-शिमला सड़क पर यातायात बहाल कर दिया गया है, जबकि जिले के अंदरूनी सड़कों को खोलने का कार्य प्रगति पर है। किन्नौर जिले के मालिंग नाला तथा स्कीबा सड़क को बहाल कर दिया गया है और सांगला घाटी की सड़क को भी आज सायं तक खोल दिया जाएगा, जहां कुछ पर्यटक भी फंसे हुए हैं।

लाहौल-स्पीति जिला की समदो-काजा-ग्राम्फू सड़क भू-स्खलन के कारण अवरूद्ध है और मलिंग-काजा सड़क को बहाल कर दिया गया है।

मण्डी जिलें में चार व्यक्तियों की मृत्यु का समाचार है। राष्ट्रीय उच्चमार्ग-21 पर हनोगी के निकट मुख्य सड़क पर पानी भरने के कारण यातायात अवरूद्ध है।

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