उगते सूरज की ढलती शाम... हिमाचल में नशे का फैलता मीठा जहर

नशे का धीमा जहर.. दीमक की तरह खोखला कर रहा युवाओं को

  • उगते सूरज की ढलती शाम… हिमाचल में नशे का फैलता मीठा जहर

  • हिमाचल में फल-फूल रहा नशे का कारोबार

  • चंद रुपयों के लिए हिमाचल को दागदार करने में जुटे हुए नशा तस्कर

  • हिमाचल में नशे के पसरते पांव

  • पुलिस कहीं न कहीं नशे की खेप पकड़ तो रही है लेकिन असली कारोबारी पुलिस की पहुंच से कोसों दूर

  • नशे के दलदल में धंसता जा रहा हिमाचल

  • मानसिक तौर से सोचने समझने की क्षमता हो रही खत्म

  • “चंद पैसों के लालच में लोगों ने नशे को कारोबार बना दिया

जाने कितने घर के चिरागों को बुझाने के कगार पर ला दिया”

हिमाचल का नाम लेते ही अजब सा सुकून, खुशी, शांति, अपनापन और गर्व सा महसूस होता है। यह मेरी बात नहीं, हर हिमाचली इस भूमि पर जन्म लेकर खुद को गौरवान्वित महसूस करता है। इस भूमि पर रहने वालों के साथ -साथ बाहर से हिमाचल आने वाले लोग भी यहां आकर ऐसा ही सुकून, खुशी, शांति व अपनापन महसूस करते हैं। इसमें भी कोई संशय नहीं।

हिमाचल में फल-फूल रहा जहर का कारोबार

हिमाचल में फल-फूल रहा जहर का कारोबार

यहाँ की सभ्यता, संस्कृति और संस्कार हर हिमाचली के दिल में बसते हैं। प्रदेश के लोग, युवा लड़के और लड़कियां मेहनती व हिम्मत वाले हैं। महिलाएं रसोई घर से पुरुषों के साथ खेतों, सेना, टीवी, बॉलीवुड से लेकर सरकारी उच्च तबकों में अपनी बेहतरीन सेवाएं दे रही हैं। प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। बावजूद इसके अफ़सोस… जहां हमारे हिमाचल को यहां की धर्म-संस्कृति, कला, ऐतिहासिक धरोहरों, कृषि-बागवानी की बेहतरीन उपलब्धियों के लिए जाना जाता है वहीं हिमाचल को नशा के कारोबार से भी जाना जाने लगा है। हिमाचल में नशे का कारोबार करने वाले घटिया लोग जो चंद रुपयों के लिए हिमाचल को दागदार करने में जुटे हुए हैं ऐसे लोगों को पकड़कर सीधे फांसी में लटका देना चाहिए। पैसों के लोभी (लालची) लोग युवाओं को गुमराह कर उन्हें नशे की गर्त में झोंक रहे हैंनतीजा हिमाचल में आपराधिक घटनाओं में आए दिन बढ़ोतरी हो रही है। हिमाचल के ही लोग अपने बच्चों की नींव को खोखला करने पर तुले हुए हैं। हर दिन हिमाचल पुलिस कहीं न कहीं से नशे की खेप पकड़ तो रही है लेकिन बावजूद उसके असली लोग जो नशे का कारोबार कर रहे हैं पुलिस की पहुंच से कोसों दूर हैं जिन पर नकेल कसना बहुत जरूरी है।

  • युवाओं का भविष्य दांव पर

  • माता-पिता का बच्चों पर सही नियंत्रण नहीं

हिमाचल के होनहार बच्चे नशे की गर्त में धंसते जा रहे हैं, सरकार चिंतित और प्रशासन… प्रयासरत है। माता-पिता का अपने बच्चों पर कंट्रोल…नहीं है। पैसे की अंधी दौड़ में माता-पिता ये भी नहीं देख पा रहे हैं कि जिनके लिए वो कमा रहे हैं उन पैसों को उनके बच्चे कहां उड़ा रहे हैं। आज के बच्चे सिर्फ टीवी और मोबाइल के होकर रह गए हैं। बच्चे खेलों से दूर होते जा रहे हैं उनकी जिंदगी पढ़ाई और मोबाइल तक ही सीमित होकर रह गई है। इस पर बच्चों की एक-दूसरे से देखा-देखी मौज-मस्ती और गलत आदतें उनके जीवन पर ही कब भारी पड़ जाती हैं उन्हें भी पता नहीं चलता। नशे की गर्त में धंसते जा रहे कुछ स्कूली छात्र-छात्राएं, कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। नशे की खेप आए दिन पकड़ी तो जा रही है, बावजूद उसके इस नशे के कारोबार को करने और फैलाने वालों की जड़ें अभी तक हरी हैं। प्रदेश में नशे की खेप का आए दिन पकड़े जाना साफ जाहिर करता है कि हिमाचल के युवा कितने नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं और अब हिमाचल को नशा मुक्त करने के लिए इस जहर का व्यापार करने वालों पर सख्त कार्यवाही और सख्त कानून बनाया जाना चाहिए।

  • आपराधिक घटनाएं बढ़ने के पीछे नशे का ही हाथ

आपराधिक घटनाएं बढ़ रहीं हैंकहीं न कहीं इनके बढ़ने के पीछे नशे का ही हाथ है। प्रदेश के युवा नशे की चपेट में आते जा रहे हैं। चंद रुपयों के लालच में आकर नशा बेचने वाले क्यों भूल जाते हैं कि परिवार तो उनका भी है। हो सकता है कल उन्हीं के घर का कोई अपना इस तबाही से तबाह हो जाए।

  • योजनाएं बनाने व अभियान चलाने के साथ-साथ हिमाचल में भी इस ज्वलंत और खतरनाक मुद्दे पर सख्त कानून बनाए जाने की आवश्यकता

  • …ताकि भूलकर भी कोई इस जहर का कारोबार करने की हिम्मत न कर सके

प्रदेश में बढ़ते नशीले पदार्थों में बिलासपुर, चंबा,  सोलन, कुल्लू, मनाली, मंडी और शिमला के तहत बड़ी संख्या में युवा इसकी चपेट में हैं जोकि प्रदेश सरकार के लिए भी और स्थानीय लोगों के लिए भी बहुत बड़ी चिंता का विषय है, लेकिन चिंता के साथ-साथ इसके लिए सख्त कदम उठाने का भी यही वक्त है। योजनाएं, अभियान बनाने के साथ-साथ इस ज्वलंत और खतरनाक मुद्दे पर सख्त कानून हिमाचल में भी बनाए जाने की आवश्यकता है। प्रदेश में भांग, अफीम के बाद अब चिट्टा का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाना चाहिए ताकि इस जहर को फैलाने वाले लोगों पर कड़ी कार्यवाही और सख्त से सख्त सजा का प्रावधान हो। ताकि भूलकर भी कोई इस जहर को कारोबार बनाने की हिम्मत न कर सके।

  • राज्य में नशे का अधिकांश व्यापार कुल्लू जिला में

जानकारी अनुसार एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में नशे का अधिकांश व्यापार कुल्लू जिला में किया जाता है। सामने आया है कि सेना में अनिवार्य सेवा देने के बाद चिकित्सीय अनुभव के लिए कुल्लू जिला के कुछ इलाकों में बड़ी संख्या में इजराईली पर्यटक आते हैं और संबंधित क्षेत्रों को नशे के कारोबार का केंद्र बनाकर क्षेत्र की संवेदनशीलता को बढ़ाने का कारण बनते हैं। पुलिस प्रशासन का भी मानना है कि अधिक तथा जल्दी पैसा कमाने के प्रलोभन ने स्थानीय किसानों को गुप्त रूप से भांग की खेती के लिए प्रेरित किया है। विभाग के पास दर्ज आंकड़ों का आंकलन करें तो हिमाचल प्रदेश में नारकोटिक ड्रग एंड साइकोट्रॉपिक्स सबस्टांस  (एन.डी.ई.एस.) अधिनियम के तहत पंजीकृत मामलों की संख्या में पिछले दशक में 3 गुना वृद्धि दर्ज हुई है। पुलिस प्रशासन के कड़े प्रयासों के बावजूद इस पर पूरी तरह से अंकुश लगने में शायद वक्त लगेगा।

  • मादक द्रव्यों के सेवन और नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले तेजी से बढ़ रहे : पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू

  • एनडीपीएस एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत 2126 मामले दर्ज किए गए 

  • 1 जनवरी 2020 से 30 अप्रैल 2021 के दौरान 2909 व्यक्तियों को किया गया गिरफ्तार

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू का कहना है कि मादक द्रव्यों के सेवन और नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले तेजी से बढ़ रहे है और समाज को इसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए अवैध तस्करी रोकने की आवश्यकता है। इस समस्या से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए बहुआयामी रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि हम छोटे तस्करों को छोड़कर बड़े तस्करों को पकड़ रहे हैं ताकि इस सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त किया जा सके। उन्होंने प्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्त अभियान और नशा निवारण पर किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज अन्तरराज्यीय समन्वय पहले से अधिक बेहतर है, जिससे नशे के तस्करों से संबंधित जानकारी प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि नशे सम्बन्धित आतंकवाद को समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि एनडीपीएस एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत 2126 मामले दर्ज किए गए हैं और 1 जनवरी 2020 से 30 अप्रैल 2021 के दौरान 2909 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस ने इसी दौरान 682.72 किलोग्राम चरस, 15.88 किलोग्राम हेरोइन, 50.33 किलोग्राम अफीम, 4805.91 किलोग्राम अफीम की भूसी, 376.91 किलोग्राम गांजा, 128330 सिंथेटिक टैबलेट और अन्य प्रतिबंधित 52194 कैप्सूल जब्त किए हैं। प्रतिबंधित पदार्थों की आपूर्ति कम करने के लिए एकीकृत खुफिया अभियान के अंतर्गत 7917 बीघा भूमि पर 12,52,455 भांग के पौधों की अवैध खेती और 52 बीघे में 2,66,353 पोस्त के पौधों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में कोरोना लाॅकडाउन के दौरान मण्डी जिला की चौहार घाटी की उप-तहसील टिक्केन पधर के दुर्गम इलाके में 66 बीघे जमीन पर 15 लाख पोस्त के पौधों की अवैध खेती का पता लगाने में पुलिस ने सफलता हासिल की। उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस ने जनवरी 2020 से अप्रैल 2021 तक 19 मामलों में 11.37 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने में भी सफलता हासिल की है।

  • युवा बच्चों को अभिभावकों के साथ व मार्गदर्शन की सबसे ज्यादा जरूरत

  • आज की भागदौड़ भरी जिंदगी से माता-पिता अपने बच्चों के लिए समय जरूर निकालें

युवा एक-दूसरे की देखादेखी करते हुए नशे की गर्त में फंसते जा रहे हैं। कुछ मौज मस्ती के चलते तो कुछ बिना कारणों के इस दलदल में धंसते जा

अपने जीवन को नशे से दूर रखें, क्योंकि इस जीवन को आप से बेहतर कोई दूसरा आपके लिए नहीं जी सकता

अपने जीवन को नशे से दूर रखें, क्योंकि इस जीवन को आप से बेहतर कोई दूसरा आपके लिए नहीं जी सकता

रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि कुछ माता-पिता अपने बच्चों की इन आदतों को अनदेखा कर देते हैं तो कुछ गुस्सा कर बच्चों को डरा धमका कर छोड़ देते हैं। जोकि सही नहीं है। युवावास्था ऐसी अवस्था है जहां युवा बच्चों को आपके साथ व आपके मार्गदर्शन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी से अपने बच्चों के लिए समय जरूर निकालें। इनके उज्ज्वल भविष्य के लिए ही आप कमा रहे हैं। जरूरत है अपने बच्चों को समय दें, उनके रोजाना के कामों पर ध्यान दें। अगर वो गलत रास्ते की ओर भटक रहे हैं उन्हें प्यार से समझाएं। उन्हें यह एहसास दिलाएं कि आपके लिए वो बहुत अनमोल हैं, आपके लिए आपके बच्चों से बढ़कर कुछ नहीं। जीवन में नशे की गर्त में जाना तो बहुत आसान है लेकिन इससे बाहर निकलना बहुत ही मुश्किल।

  • नशे की लत से जीवन खत्म होने की कगार पर पहुंच जाता है

  • बच्चे माता-पिता की उम्मीदों पर खरे उतरने का प्रयास करें

  • अपने जीवन को नशे से दूर रखें

युवाओं को भी समझना होगा कि जीवन बहुत अनमोल है। एक वक्त ऐसा आता है जब नशे की आदत डालने वाले यार दोस्त कोई साथ नहीं रहता। जीवन में हम जीना तो चाहते हैं लेकिन नशे की लत से जीवन खत्म होने की कगार पर पहुंच जाता है। मानसिक तौर से सोचने समझने की क्षमता खत्म हो चुकी होती है, आप उस वक्त अकेले रह जाते हैं। क्योंकि कल क्या होगा कोई नहीं जानता। आज जैसा वक्त कल नहीं रहता। क्योंकि कल जब आप छोटे थे स्कूल जाते थे आपने सोचा भी नहीं था कि नशे के दलदल में यूँ आप फंस जाओगे, ठीक यूँ ही आज नशे की गर्त में हो कल जीवन के लिए तरस जाओगे.. तो कौन आपको देखेगा। नशे की लत से दूर रहिए। माता-पिता की उम्मीदों पर खरे उतरने का प्रयास करें, जिन्होंने आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए सपने देखे हैं। अपने जीवन को नशे से दूर रखें। क्योंकि इस जीवन को आप से बेहतर कोई दूसरा आपके लिए नहीं जी सकता।

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