शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से भेंट की तथा प्रदेश के लिए 1125 करोड़ रुपये के प्राकृतिक जल संसाणन प्रबन्धन परियोजना को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से प्रदेश सरकार को वर्तमान में विकासात्मक कार्य के लिए प्रदान की गई एक हैक्टेयर वन भूमि की क्षमता सीमा को 10 हैक्टेयर करने का आग्रह किया ताकि प्रदेश सरकार तत्काल वन स्वीकृति प्रदान कर सके और विकास कार्यों में वन स्वीकृति की देरी से प्राप्त होने के कारण कोई बाधा न पड़े। उन्होंने मंत्री को बताया कि अब तक इसके तहत 13 विषयों को छूट दी गई है तथा उन्होंने आग्रह किया कि इस सूची में गौशाला तथा शिक्षण संस्थानों को भी शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय अनुकूलन कोष (एनएएफसीसी) के तहत 57.75 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाओं को वित्तपोषित करने को स्वीकृति प्रदान करने का भी आग्रह किया।
डॉ. हर्षवर्धन ने मुख्यमंत्री को उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया तथा कहा कि प्राकृतिक जल संसाधन परियोजना को स्वीकृति तथा वन स्वीकृति से सम्बन्धित मामलों के लिए हर सम्भव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने प्रदेश सरकार की जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के परिणामस्वरूप वनों को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए वृक्षारोपण की सहमति की मांग पर विचार करने को सहमति दी।