हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों पर सरकार हुई सख्त…एस्मा लागू

शिमला: हिमाचल सरकार हड़ताली 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों के साथ सख्ती बरतने जा रही है।  पिछले दो दिन से 108 और 102 एंबुलेंस का संचालन करने वाली जीवीके ईएमआरआई कंपनी के कर्मचारियों की हड़ताल पर सरकार ने सख्ती कर दी है। जिन चार जिलों चंबा, सिरमौर, शिमला और सोलन में कर्मचारी हड़ताल पर हैं, उनमें एस्मा लगाने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके साथ ही चारों जिलों में होमगार्ड के चालकों व अस्पतालों के पैरा मैडिकल स्टाफ को अस्थायी रूप से तैनात कर एंबुलेंस सेवा शुरू करवा दी गई है। वहीं सरकार ने जीवीके कंपनी को भी दूसरे प्रदेशों से स्थायी स्टाफ लाकर नियुक्त करने को कहा है।

हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों पर सरकार हुई सख्त

हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों पर सरकार हुई सख्त

सरकार ने हड़ताल पर गए 4 जिला के 108 एंबुलैंस कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है। एस्मा लागू होने के बाद यदि ये कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं तो इन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा। सरकार ने संबंधित जिलाधीशों को 108 एंबुलैंस को सुचारू तौर पर चलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने बताया कि इस दौरान लोगों को दिक्कत न हो इसके लिए संबंधित जिलाधीशों व जे.वी.के. कंपनी को पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। एम्बुलैंस में अस्पतालों से फार्मासिस्ट लगाने को कहा गया है। इसके अलावा कंपनी को दूसरे राज्यों से एम्बुलैंस के लिए ड्राइवर बुलाने के  निर्देश दे दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यदि वीरवार तक कर्मी काम पर नहीं लौटते हैं तो कंपनी को उन्हें बर्खास्त कर दूसरे लोगों को काम पर रखने को कह दिया है, साथ ही इन पर एंबुलैंस वाहनों को रोकने की स्थिति में भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मिशन निदेशक से बातचीत के बावजूद कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हड़ताली कर्मचारियों को बातचीत के लिए बुलाया। बातचीत में कर्मचारियों का एक धड़ा शामिल हुआ। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांगों पर जी.वी.के. कंपनी के साथ बातचीत का भरोसा देते हुए जायज मांगों को मनवाने की कोशिश की बात कही है।

बता देें कि 25 जून से प्रदेश के शिमला, सोलन, चम्बा तथा सिरमौर जिलों में 108 एंबुलैंस सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। चारों जिलों में 108 की 92 तथा 102 के 125 रोगी वाहन खड़े हैं। हड़ताल के चलते रोगी वाहनों के खड़ा होने से रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं आवश्यक सेवा अधिनियम के दायरे में आती हैं। सरकार की तरफ से पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक पंकज राय ने इन हड़ताली कर्मचारियों से बात की। पंकज राय का कहना है कि 108 व 102 के कर्मचारी सरकार के नहीं बल्कि जी.वी.के. के अधीन हैं। बावजूद इसके कर्मचारियों तथा रोगियों की दिक्कतों को देखते हुए इनसे बात की गई। बातचीत में कर्मचारियों से सरकार ने 10 दिनों का समय मांगा।

 

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