पुर्नस्थापित पुनर्स्थापित होंगे झील में डूबे शताब्दियों पुराने मंदिर

पुर्नस्थापित पुनर्स्थापित होंगे झील में डूबे शताब्दियों पुराने मंदिर

बिलासपुर : हिमाचल प्रदेश की भाषा एवं संस्कृति विभाग की सचिव डॉ. पूर्णिमा चौहान ने जलमग्न हुए प्राचीन मंदिरों के अवशेषों का निरीक्षण किया। भाखड़ा बांध के निर्माण के उपरांत 1960 के दशक में गोबिंद सागर झील में जलमग्न हुए 13वीं शताब्दी पहले प्राचीन मंदिरों के अवशेषों का पुनर्स्थापन शीघ्र होगा। ये मंदिर लगभग 6 महीने पानी में रहते हैं और 6 महीने पानी से बाहर। अब फिर से इन प्राचीन सभ्यता व संस्कृति से जुड़ी धरोहरों व मंदिरों के अवशेषों को नए बिलासपुर शहर में संजोये रखने की आस जगी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इस महत्वाकांक्षी योजना पर संज्ञान लेते हुए एएसआई दिल्ली को चिट्ठी लिखी है।

सचिव पूर्णिमा चौहान ने यहां सर्किट हाऊस में बातचीत में बताया कि एएसआई दिल्ली के साथ पत्राचार तो काफी समय से चल रहा है। हाल ही में एएसआई के डीजी को एक रिमाइंडर भी भेजा गया है कि एक टीम आकर पानी उतरने से पहले मंदिरों की पुर्नस्थापना को लेकर सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार करे, ताकि आगामी कार्रवाई को शुरू किया जा सके। पिछले सप्ताह शिमला में एएसआई के कार्यरत सुपरीटेंडेंट को बुलाकर इस मसले पर गंभीरता से कार्य करने के लिए कहा है। यही नहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी इस महत्वाकांक्षी योजना पर संज्ञान लेते हुए एएसआई को पत्र लिखा है।

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