विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की जीवन में अहम भूमिका, प्रदेश में किए जा रहे इस क्षेत्र में बेहतर प्रयास : तरूण कपूर

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति एवं संभावनाओं पर दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय सेमीनार 
  • प्रदेश में सम्मेलन का उद्देश्य राज्यों की तकनीकी जानकारी आदान-प्रदान कर अन्य राज्यों में लागू करना : कुनाल सत्यार्थी
  • सेमीनार में देशभर के 30 राज्यों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति एवं संभावनाओं पर दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय सेमीनार

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति एवं संभावनाओं पर दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय सेमीनार

शिमला : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे देश में कुछ बड़े अनुसंधान हुए हैं, लेकिन जानकारी को ज़मीनी स्तर पर पहुंचाने के लिये और अधिक प्रयास किए जाने चाहिए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का एक व्यापक क्षेत्र है और विश्व तथा जीवन का 75 प्रतिशत अध्ययन इस पर निर्भर है। प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में विश्वभर में बहुत अधिक अनुसंधान किया जा चुका है, लेकिन बहुत कुछ किया जाना शेष है। हिमाचल प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। यह बात अतिरिक्त मुख्य (सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) तरूण श्रीधर ने आज शिमला के समीप कुफरी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति एवं संभावनाओं पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय सेमीनार की अध्यक्षता करते हुए कही। सेमीनार में देशभर के 30 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

उन्होंने कहा कि सेमीनार में देश के सभी राज्यों से विशेषज्ञ प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है ताकि राज्यों में क्षेत्र विशेष में हुए बेहतर कार्यों को अन्य राज्यों में भी कार्यान्वित किया जा सके।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी भारत सरकार के सदस्य सचिव ई. रविन्द्र गौड़ ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने वर्ष 1974 से लघु जल विद्युत संयंत्र, वर्षा जल संग्रहण इकाईयां, आर्सेनिक रिमूवल जैसी तकनीकों को उत्तर-पूर्वी राज्यों अरूणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम तिा मेघालय इत्यादि विभिन्न राज्यों में प्रमाणित किया है। इसके अतिरिक्त, विभाग अब स्वास्थ्य क्षेत्र में आनुवांशिक विकार जैसी अनेक बीमारियों पर अध्ययन में सहयोग कर रहा है।

गौड़ ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी थ्री-डी प्रकाशन, आर्टिफिशियन इंटेलिजेंस, बायो कंकरीट, ब्रेन कम्प्यूटर, जलवायु कुशल कृषि इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी जानकारी प्रदान कर सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अन्य अनेक क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। सेमीनार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सिक्किम राज्य के प्रधान सचिव जय कुमार सहित विभिन्न राज्यों के विज्ञानिकों ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

इससे पूर्व हिमकोस्ट के सदस्य सचिव कुनाल सत्यार्थी ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षण संस्थानों, पंचायती राज संस्थानों को शामिल कर जैव विविधता जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर तकनीकी जानकारी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस प्रकार के बड़े स्तर के सम्मेलन का उद्देश्य राज्यों की तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान कर इसे व्यवहारिक तौर पर अन्य राज्यों में लागू करना है।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *