हिमाचल प्रदेश में थर्मोकोल की प्लेट व गिलास पर लगेगा प्रतिबंध : मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री ने किया प्रदूषण उपशमन पौध अभियान (पापा) का शुभारम्भ
  • राज्य में 10 ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे
  • प्रदेश में थर्मोकोल की प्लेट व गिलास पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, क्योंकि ये प्रदूषण के मुख्य कारण : मुख्यमंत्री
हिमाचल प्रदेश में थर्मोकोल की प्लेट व गिलास पर लगेगा प्रतिबंध

हिमाचल प्रदेश में थर्मोकोल की प्लेट व गिलास पर लगेगा प्रतिबंध

शिमला: प्रदेश में थर्मोकोल की प्लेट तथा गिलास पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, क्योंकि ये प्रदूषण के मुख्य कारणों में है। सीएम जयराम ठाकुर ने यह घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक सभाओं के दौरान एक लीटर क्षमता से कम की पानी की प्लास्टिक बोतलपर भी प्रतिबंध लगेगा।

विश्व पर्यावरण दिवस हमारे दैनिक जीवन में पर्यावरण की रक्षा करने तथा प्लास्टिक के उपयोग की गम्भीरता का एहसास करने तथा प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने के लिये एक आह्वान है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज मण्डी जिले के राजकीय पालिटेक्निक महाविद्यालय सुन्दरनगर में विश्व पर्यावरण दिवस-2018 के अवसर पर के लिए आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पृथ्वी की सुरक्षा के प्रति कुछ करने के लिए ‘लोगों का दिन’ है। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस महज़ एक औपचारिक अवसर नहीं होना चाहिए, बल्कि इससे कुछ न कुछ ठोस परिणाम सामने आने चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुददों में से है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण तथा स्वच्छता हमारे जीवन का हिस्सा बनना चाहिए। उन्हेंने कहा कि स्वच्छता अभियान प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए जागरूकता अभियान के कारण एक जन आन्दोलन बन चुका है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए विद्यार्थियों को आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य के 67.5 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में वन है, लेकिन अभी भी प्रभावी पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी कुछ करने की आवश्यकता है।

जय राम ठाकुर ने लोगों का आह्वान किया कि वे प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए विभिन्न कार्यक्रमों व नीतियों को लागू करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक ने हमारे जल स्त्रोतों को बूरी तरह से प्रदूषित किया है। इससे जल में रहने वाले जीव-जन्तुओं के जीवन को भी नुक्सान पहुंचा है और मानव जीवन के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है, जो पर्यावरण संस्थाओं को इस वर्ष मुख्य चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां प्लास्टिक के बैगों पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को प्लास्टिक के बैग के स्थान पर जूट अथवा कागज के बने थैलों के उपयोग के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि शिमला में पानी की समस्या प्रदूषण तथा कैचमेंट क्षेत्र व शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाली नदियों और जल स्त्रोतों में पानी की कमी के कारण उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नर्सरियों में प्रदूषण को कम करने वाले पेड़ पौधें उगाए जाएंगे ताकि इन्हें लोगों को पौधरोपण के लिए वितरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उद्योग विभाग को चिलारू का उचित उपयोग के लिए ईकाइ स्थापित करने की परियोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वर्दी योजना के अन्तर्गत प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग को बन्द करने के लिए चरणबद्ध ढंग से सरकारी स्कूल के प्रत्येक विद्यार्थी को स्टील की बोतल प्रदान की जाएगी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने के लिए अभिभावकों से प्लास्टिक बोतलों के स्थान पर अपने बच्चों को स्टील की बोतलें खरीदने का आह्वान किया।

राज्य में 10 ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे

राज्य में 10 ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे

उन्होंने कहा कि सुंदरनगर तथा घुमारवीं शहरों के लिए पॉलिथीन शैडर मशीन प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री वर्दी योजना के अंतर्गत प्लास्टिक की बोतल के उपयोग को बंद करने के लिए चरणबद्ध ढंग से सरकारी स्कूल के प्रत्येक विद्यार्थी को स्टील की बोतल प्रदान की जाएगी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने के लिए अभिभावकों से प्लास्टिक बोतल के स्थान पर अपने बच्चों को स्टील की बोतल खरीदने का आह्वान किया। सीएम जयराम ठाकुर ने यह बात आज मंडी जिले के राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सुंदरनगर में विश्व पर्यावरण दिवस-2018 के अवसर पर के लिए आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।  इस अवसर पर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए सीएम द्वारा आज ‘पापा का शुभारंभ किया गया।

  • नर्सरियों में लगेंगे प्रदूषण को कम करने वाले पेड़-पौधे

उन्होंने कहा कि शिमला में पानी की समस्या प्रदूषण तथा कैचमेंट क्षेत्र व शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाली नदियों और जल स्त्रोतों में पानी की कमी के कारण उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नर्सरियों में प्रदूषण को कम करने वाले पेड़ पौधें उगाए जाएंगे, ताकि इन्हें लोगों को पौधरोपण के लिए वितरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उद्योग विभाग को चिलारू का उचित उपयोग के लिए ईकाइ स्थापित करने की परियोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

  • आठ जगहों पर पौधरोपण को दिया जाएगा विशेष बल

सीएम ने कि बद्दी, नालागढ़, परवाणू, कालाअंब, पांवटा साहिब, सुंदरनगर, डमटाल तथा ऊना में 5 जून से पहली जुलाई तक पौधरोपण पर विशेष बल दिया जाएगा। उन्होंने परिसर में पौधे का रोपण किया तथा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

 

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