शून्य लागत प्राकृतिक कृषि पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित

  • समर्पण व इच्छाशक्ति से कार्य करें कृषि अधिकारी : राज्यपाल

शिमला: राज्यपाल आचार्य देवव्रत आज शिमला के निकट मशोबरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन, विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान में कृषि विभाग द्वारा आयोजित ‘‘प्राकृतिक कृषि खुशाल किसान योजना’’ के अन्तर्गत शून्य लागत प्राकृतिक कृषि पर आयोजित प्रशिक्षण शिविर को संबांधित कर रहे थे। यह शिविर कृषि, बागवानी एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के लिए आयोजित किया गया था। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कृषि, बागवानी व पशुपालन और अन्य संबद्ध विभागों के अधिकारियों विशेषकर क्षेत्रीय कर्मियों से शून्य लागत प्राकृतिक कृषि को सफल बनाने में सहयोग की अपील की है। इससे पूर्व, शून्य लागत प्राकृतिक कृषि के परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा कहा कि किसान यदि किसान प्राकृतिक कृषि को अपनाते हैं तो विभाग भी अपनी नीतियों में आवश्यक बदलाव लाएंगे। उन्होंने प्राकृतिक कृषि से संबंधित विस्तृत रूपरेखा की जानकारी दी। कृषि विभाग के निदेशक डॉ. देस राज शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

राज्यपाल कहा कि प्रदेश में शून्य लागत प्राकृतिक कृषि पर आधारित तीन प्रशिक्षण शिविरों में लोगों के उत्साह को देखकर उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस कृषि पद्धति को अपनाने के लिए किसान वर्ग तैयार है। अब यह दायित्व किसानों से जुड़े संबद्ध विभागों का है कि वे इसके कार्यान्वयन में तेजी लाएं और ईमानदारी व पूर्ण समर्पण से इस दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी बिना दबाव के इच्छाशक्ति से इस कार्य को करें और समझें। उन्होंने कहा कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि जिस व्यवसाय को हमने चुना है और जिस विभाग में कार्यरत हैं, वहां रहते हुए अपने कार्यकाल में ईमानदारी से कार्य नहीं किया तो न केवल अपने साथ धोखा किया है बल्कि विभाग के साथ भी धोखा कर रहे हैं।

 

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