जलापूर्ति संकट : सीएम ने बुलाई आपात बैठक, मुख्य सचिव ने अधिकारियों सहित फील्ड में जाकर लिया जायजा

  • जलापूर्ति संकट : सीएम ने बुलाई आपात बैठक, मुख्य सचिव ने अधिकारियों सहित फील्ड में जाकर लिया जायजा
  • शिमला शहर में जलापूर्ति की निगरानी के लिए समिति गठित
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए पानी सुनिश्चित करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने अधिकारियों सहित फील्ड में जाकर लिया जायजा

मुख्य सचिव ने अधिकारियों सहित फील्ड में जाकर लिया जायजा

शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां शिमला शहर के लिए जलापूर्ति की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई। जिसमें राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने शिमला शहर में जलापूर्ति के मुद्दे की निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव शहरी विकास, शिमला के उपायुक्त, विशेष सचिव राजस्व, नगर आयुक्त निगम शिमला, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अभियन्ता और मुख्य अभियन्ता समिति के सदस्य होंगे, जबकि सचिव आईपीएच इसके सदस्य सचिव एवं संयोजक होंगे।समिति को शिमला शहर में उपभोक्ताओं को समुचित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए सरकारी तथा निजी दोनों एजेन्सियों को मांग के अनुरूप टेंकर्ज हायर करने तथा अन्य संसाधनों सहित सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किया गया है। जय राम ठाकुर ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम के अधिकारियों को शिमला शहर के लोगों को उपयुक्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिये हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग,जिला प्रशासन तथा नगर निगम शिमला को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि ग्रीष्मकाल के दौरान पानी की कमी के कारण शिमला के निवासियों तथा सैलानियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए शिमला शहर में पानी की आपूर्ति के लिए 17 जल टेंकर्ज, 15यूटिलिटीज तथा चार टिप्परों की सेवाएं ली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त शहर के लोगों को पर्याप्त जल उपलब्ध करवाने के लिए सिरमौर से तीन टेंकर्ज तथा बिलासपुर से भी तीन टेंकर्ज मंगवाए गए हैं।

जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को टेंकरों के माध्यम से जल के समान वितरण के लिए विश्वसनीय तंत्र स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि लोगों को पीने का पानी प्राप्त करने में किसी प्रकार का असुविधा से न जूझना पड़े। उन्होंने कहा कि टेंकरों के माध्यम से जलापूर्ति के संबंध में व्यापक प्रचार सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि क्षेत्र विशेष के लोग इन टेंकरों के संबंध में सूचना प्राप्त कर सके। उन्होंने अधिकारियों को पाईपों में रिसाव के कारण पानी की बर्बादी को रोकने तथा निर्माण कार्यों में प्रयोग किए जा रहे पानी के कनेक्शनों को काटने के निर्देश दिए। उन्होंने उपभोक्ताओं से भी पानी का न्यायसंगत उपयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि डियूटी के प्रति कोताही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पानी की स्थिति की निगरानी तथा लोगों में पानी के वितरण की देखरेख करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने उठाऊ जलापूर्ति योजना गुम्मा में पानी की उपलब्धता के लिए इस योजना को आने वाले पानी से कूहलों को बन्द करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

बैठक के उपरान्त मुख्य सचिव विनीत चौधरी, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को साथ लेकर निचले स्तर तक स्थिति का व्यक्तिगत तौर पर जायजा लेने के लिए फील्ड में गए।

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