हिमाचल में शून्य लागत प्राकृतिक खेती कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे नौणी विवि के डॉ. चंदेल

वैज्ञानिक डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल

वैज्ञानिक डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल

नौणी : डॉ. वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में कार्यरत वैज्ञानिक डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल को राज्य में शून्य बजट प्राकृतिक खेती का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। डॉ. चंदेल को कृषि विभाग के तहत शून्य बजट प्राकृतिक खेती का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। वह शिमला से इस प्राकृतिक खेती मॉडल के प्रचार और कार्यान्वयन का नेतृत्व करेंगे।

वह वर्तमान में नौणी विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय में संयुक्त निदेशक अनुसंधान (वानिकी) के रूप में काम कर रहे हैं। डॉ. चंदेल विश्वविद्यालय में प्राकृतिक और शून्य लागत प्राकृतिक खेती नेटवर्क के समन्वयक भी हैं और इस खेती प्रणाली के तहत कुछ मॉडल भी विकसित किए हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार जैविक खेती और शून्य लागत प्राकृतिक खेती मॉडल को काफी बढ़ावा दे रही है और इसके लिए बजट में 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह प्राकृतिक खेती मॉडल को हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य देवव्रत द्वारा विकसित किया गया है

शून्य लागत प्राकृतिक खेती कार्यक्रम राज्य में शुरू हो चुका है। पहला कार्यक्रम पालमपुर के नगरी में आयोजित किया गया था जिसमें 400 किसानों को इस मॉडल के तहत प्रशिक्षित किया गया था। राज्यपाल ने स्वयं कार्यक्रम का उद्घाटन किया। हाल ही में दूसरा कार्यक्रम मंडी जिले में गोहर में आयोजित किया गया था। तीसरे कार्यक्रम का उद्घाटन 28 मई को नौणी विवि में आचार्य देवव्रत द्वारा किया जाएगा,जिसमें सोलन क्षेत्र के 600 से अधिक किसान भाग लेंगें। इस कार्यक्रम में कृषि और बागवानी विभागों के अधिकारी और विश्वविद्यालय में शून्य लागत प्राकृतिक खेती से जुड़े वैज्ञानिकों भाग लेंगे। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति, अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने डॉ. चंदेल को बधाई दी।

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