उत्तर प्रदेश : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के सभी छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश जारी कर दिया गया है। राज्य संपत्ति विभाग ने नोटिस जारी करते हुए बंगले खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को 10 पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवास आवंटित करना अवैध ठहरा दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सात मई को राज्य सरकार द्वारा बनाए गए उप्र. मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण) (संशोधन) अधिनियम को अवैध बताते हुए खारिज कर दिया था। यह एक्ट सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2016 के उस आदेश के बाद बनाया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटन को अवैध ठहराते हुए उनसे दो माह में बंगले खाली कराने को कहा गया था। इसके बाद तत्कालीन अखिलेश सरकार ने पूर्व सीएम के बंगलों के आवंटन को कानूनी जामा पहनाने के लिए विधानमंडल के दोनों सदनों से अधिनियम पारित कराया था। लोक प्रहरी ने इसी अधिनियम को चुनौती दी थी, जिसे शीर्ष कोर्ट ने निरस्त कर दिया था।
प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को 1980 से आजीवन आवास सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इन बंगलों का किराया बेहद कम है, लेकिन इनकी मरम्मत पर हर साल लाखों रुपए खर्च होते हैं। सभी पूर्व सीएम के बंगले राजधानी के वीआईपी इलाकों में हैं।
इन 6 मुख्यमंत्रियों को है मकान आवंटित
- एनडी तिवारी – माल एवेन्यू में – 1989
- कल्याण सिंह – माल एवेन्यू में- 1991
- मुलायम सिंह यादव-विक्रमादित्य मार्ग-1992
- राजनाथ सिंह-कालिदास मार्ग-2000
- मायावती-माल एवेन्यू-1995
- अखिलेश यादव-विक्रमादित्य मार्ग-2016