विधायक सिंघा व पूर्व मेयर समेत 55 के खिलाफ FIR दर्ज

शिमला: हिमाचल विधानसभा में माकपा विधायक के खिलाफ शिमला के जुब्बल थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने विधायक राकेश सिंघा के अलावा शिमला के पूर्व मेयर सहित 55 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सब पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप है। दरअसल वन विभाग की एक टीम जुब्बल के बधाल गांव में हाईकोर्ट के आदेशानुसार अवैध सेब बागीचों के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी। जबकि किसान जमीन बचाओ संघर्ष समिति जुब्बल में वन विभाग की इस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी। समिति का आरोप है कि महकमा किसानों की मलकीयत से भी सेब के पेड़ काट रहा है। किसानों के कागजात तक नहीं देखे जा रहे हैं। किसानों ने डीएफओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और पीड़ित बागवानों को मुआवजा देने के लिए प्रदर्शन किया था। बताया जा रहा है कि ये सभी एक बागवान की मलकीयत जमीन पर सेब के पेड़ काटने के विरोध में यहां पहुंचे थे। शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान जिनके खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है, उनका कहना है कि जिस बागीचे को काटा जा रहा था वह निजी मलकीयत था और उसके राजस्व दस्तावेज भी मौके पर मौजूद अधिकारियों को दिखाए गए। लेकिन वे नहीं माने। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध कब्जों पर सेब के पेड़ काटने को लेकर कार्रवाई चल रही है। पुलिस ने आईपीसी की धारा-143,342,186 के तहत मामला दर्ज किया है। राकेश सिंघा और संजय चौहान के अलावा जिन पर केस दर्ज हुआ है उनमें संसार ख्लास्टा, सुंदर लाल धंधांट, जोगिंदर शर्मा भी शामिल  हैं।

इस मामले पर ठियोग के विधायक राकेश सिंघा का कहना कि रोहड़ू के डीएफओ ने सारे कानूनों को धत्ता बता कर पेड़ काटे हैं। वह जमीन मिलकीयत थी, अगर कोई भी यह साबित कर दे कि वह जमीन मलकीयत नहीं थी तो मैं अपनी विधानसभा पद से इस्तीफा दे दूंगा। वहीं शिमला के पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा कि कई लोगों को आजीविका के लिए जमीन की जरूरत है और विभिन्न सरकारों ने भी भूमि राजस्व अधिनियम, 1954 की धारा 163 ए के अनुसार किसानों के नाम पर इस भूमि को नियमित करने के लिए नीतियां तैयार की हैं। लेकिन अब तक इन्हें लागू नहीं किया गया है।

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