मुख्यमंत्री ने की ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ पर सम्मेलन आयोजित करने के लिए परिषद के प्रयासों की सराहना

  • ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ ‘पोटेन्शियल एप्लीकेशन इन हिमाचल प्रदेश’ पर सम्मेलन आयोजित
  • बेहतर शासन के लिए किया जाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग : सीएम
  • हमें अपनी नीति में इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी को शामिल करने के उपाय करने चाहिए
  • उचित तंत्र विकसित करके वृक्षों के अवैध कटान की निगरानी की जानी चाहिए
  • अवैध खनन को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अधिकतम उपयोग से जा सकता है रोका
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अवैध निर्माण पर अकुंश लगाने व जंगलों का खाका तैयार करने और अवैध वन कटान पर प्रतिबंध लगाने में हो सकती है कारगर
  • राज्य सरकार बेहतर व पारदर्शी प्रशासन प्रदान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करेगी सुनिश्चित
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग निर्माणाधीन विकास परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करना सुनिश्चित बनाने की निगरानी के लिए जाएगा किया
  • हिमकोस्ट के सदस्य सचिव कुनाल सत्यार्थी ने रखा धन्यवाद प्रस्ताव
‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ ‘पोटेन्शियल एप्लीकेशन इन हिमाचल प्रदेश’ पर सम्मेलन आयोजित

‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ ‘पोटेन्शियल एप्लीकेशन इन हिमाचल प्रदेश’ पर सम्मेलन आयोजित

शिमला : हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद  द्वारा आज सचिवालय में “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” ‘हिमाचल प्रदेश में संभावित अनुप्रयोग’ पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की तथा स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विपिन सिंह परमार सम्मानित अतिथि रहे। मुख्यमंत्री ने राज्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के शोध के नवीनतम क्षेत्र में एक सम्मेलन आयोजित करने के लिए परिषद के प्रयास की सराहना की। उन्होंने वक्ताओं का स्वागत किया और उनकी प्रस्तुतियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने पिछले 15-20 वर्षों में एक नाटकीय तरीके से प्रगति की है। हाल ही में मोबाइल प्रौद्योगिकी ने लोगों के जीवन में एक और महत्वपूर्ण बदलाव लाया है।

विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब हमें सोचना है कि उनकी वार्ता से लाभ कैसे प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण राज्य में एक बड़ा मुद्दा है। इसका सामना कैसे करें, एक बड़ा सवाल है। हमें देखना होगा कि वर्तमान परिदृश्य में अवैध निर्माण की निगरानी और रोकने के लिए हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का उपयोग कैसे कर सकते हैं। अवैध खनन भी राज्य का एक बहुत बड़ा मुद्दा है। अवैध खनन गतिविधियों की व्यक्तिगत घटनाओं की निगरानी के लिए इस तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें अपनी नीति में इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकी को शामिल करने के उपाय करने चाहिए क्योंकि इसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जबरदस्त क्षमता और अनुप्रयोग हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में कई संसाधन और सुविधाएं हैं, लेकिन अब हमें राज्य की समग्र प्रगति के लिए हालिया और आगामी प्रौद्योगिकियों का सर्वोत्तम उपयोग करके भविष्य में बहुत मेहनत करनी है।

सीएसआईआर इन्सटीटयुट ऑफ जेनोमिक्स एण्ड इन्टीग्रेटिव बायोलॉज़ी नई दिल्ली के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मानव इंटेलिजेंस पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंट संरचना तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शासन के अनेक कार्यों को सम्भाल सकती हैं। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चिकित्सा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विस्तार से चिकित्सा ज्ञान का भी विस्तार हुआ है। सीएसआईआर सेंट्रल इलैक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग रिसर्च इन्सटिटयूट पिलानी राजस्थान के निदेशक डॉ. सान्तनु चौधरी ने समावेशी विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण) तरुण कपूर और सदस्य सचिव कुणाल सत्यार्थी विशेष रूप से उपस्थित रहे। सम्मेलन में प्रशासनिक सचिव, विभिन्न सरकारी विभागों के प्रमुख, विभिन्न विश्वविद्यालयों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के संकाय ने भाग लिया।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अनुप्रयोगों का उपयोग करके नियमित अंतराल आधार पर सड़क निर्माण जैसी विकास परियोजनाओं पर नजर रखी जानी चाहिए। उचित तंत्र विकसित करके वृक्षों के अवैध कटान की भी निगरानी की जानी चाहिए और ऐसी घटनाओं को सबूत के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए।

  • सम्मेलन को आयोजित करने के लिए तरुण कपूर ने की हिमकोस्ट के प्रयासों की सराहना

इस अवसर पर तरुण कपूर, अतिरिक्त मुख्य सचिव (विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण) ने कहा कि हिमकोस्ट को सरकार के विभिन्न विभागों की 4-5 परियोजनाएं पायलट आधार पर लेनी चाहिए। राज्य में एक महत्वपूर्ण और उभरते क्षेत्र पर इस सम्मेलन को आयोजित करने के लिए उन्होंने हिमकोस्ट के प्रयासों की सराहना की।

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