राज्यपाल ने किया कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ

शिमला: राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज कालका-शिमला रेवले टै्रक पर बाबा भलकू संग्रहालय से शिमला रेलवे स्टेशन तक हि.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में आयोजित वृहद् स्वच्छता, बचाव एवं संरक्षण अभियान का शुभारम्भ किया। इस दौरान उनके साथ हि.प्र. उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल, हि.प्र. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायपालिका के सदस्यगण, राज्य व केन्द्र सरकारों तथा रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी स्वच्छता अभियान में शामिल हुए।

शिमला से कालका के बीच 96 किलोमीटर के रेल टै्रक पर 43 विभिन्न क्षेत्रों में किए जाने वाला प्रदेश का यह सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है। न्यायपालिका की सक्रिय भागीदारी तथा करीब 15 हजार से अधिक विद्यार्थी, गैर-सरकारी संगठनों और विभिन्न राज्य, केंद्र व रेलवे कर्मियों के सहयोग से अभियान को गति प्रदान की गई। राज्यपाल ने करीब एक किलोमीटर तक रेल ट्रैक पर सफाई की।

इसके पश्चात्, रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में जनसमूह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह एक एतिहासिक क्षण है, जिसमें जिम्मेदार पदों पर तैनात व्यक्तियों सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने स्वच्छता अभियान से जुड़कर इतिहास बनाया है। इस दिशा में न्यायपालिका की दूर दृष्टि की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘‘स्वच्छता के लिए धरोहर ट्रैक को चिन्हित कर आयोजकों ने सामाजिक दायित्व को महत्व देते हुए सफाई ही नहीं पर्यटन की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश को संवारने का जो संकल्प लिया है, वह प्रशंसनीय है।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से देश को स्वच्छ बनाने के प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन को भी बल मिला है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक सुन्दर पहाड़ी प्रदेश है और प्रकृति ने यहां अपनी अनुपम छटा प्रदान की है। लेकिन, यह चिंताजनक है कि हमने ईश्वरीय व्यवस्था को बिगाड़ने का कार्य किया है। आचार्य देवव्रत ने कहा कि पढे़-लिखे होते हुए भी हम व्यवस्था के विपरीत कार्य करते हैं और जहां हमारे कदम पड़ते हैं वहीं जिम्मेदारी के विपरीत गंदगी फैलाने का कार्य करते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि हमारी मानसिकता ऐसी बन गई है कि हम सफाई करने वाले को छोटा और कूड़ा फैंकने वाले को बड़ा मानते हैं। राष्ट्रीय प्रकल्प के विषयों में हमारा योगदान शून्य रहता है। जबकि, हमारी संस्कृति वेदों की है और प्रकृति ने हमें विविधता देकर विशेष बनाया है। दुनिया को हमने जीने का ज्ञान दिया है। जो कमियां हम में आई हैं उन्हें जिम्मेदारीपूर्वक दूर करना है। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्र महान बनता है, जहां के युवा संस्कारवान हों, उनमें राष्ट्र भावना हो और बड़ों का आदर करते हों। उन्होंने विद्यार्थियों का आहवान् किया कि वे देश को नई दिशा प्रदान करें। यह अभियान बंद नहीं होना चाहिए और दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनें। छोटी-छोटी अच्छी आदतों को जीवन में अपनाकर अभियान का हिस्सा बनें।

 

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