मंडी जिला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण का सपना साकार करने की कवायद तेज

  • अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण का सपना जल्दी होगा साकार
  • उच्च स्तरीय टीम की चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री से हुई बैठक
  • 15 दिनों में टीम सरकार को सौंपेगी अपनी रिपोर्ट

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पिछले दिनों नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु से की गई मुलाकात रंग लाई है और मंडी जिला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण का सपना साकार करने की कवायद तेज हो गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया के विशेषज्ञों की 4 सदस्यीय टीम ने आज चंडीगढ़ में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ बैठक करके उन्हें हवाई अड्डे की  स्थापना के लिए मंडी  जिला में सरकार द्वारा चिन्हित पांच विभिन्न स्थलों के लिए किए गए पूर्व व्यवहार्यता सर्वेक्षण के दौरान एकत्रित डाटा के बारे में अपनी फीडबैक दी।

टीम का नेतृत्व कर रहे भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी विनोद पुनियाल ने ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बताया कि  टीम द्वारा  एकत्रित डाटा  का  दिल्ली में जाकर विस्तार से  आकलन  किया जाएगा और  आगामी 15 दिनों के भीतर  टीम द्वारा  अपनी रिपोर्ट  प्रदेश सरकार को सौंपकर तकनीकी मापदंडों को पूरा करने वाले स्थल की अनुशंसा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस टीम द्वारा जिन स्थलों का पूर्व व्यवहार्यता सर्वेक्षण किया गया है ए उनमें बल्ह उपमंडल का नेर ढांगु, पधर उपमंडल में गोगराधार व बासाधारए गोहर उपमंडल में मोवीसेरी व सदर मंडी में नंदगढ़ स्थल शामिल हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण द्वारा अंतर्राष्ट्रीय  हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जिस भी स्थल  की अनुशंसा की जाएगी ए प्रदेश सरकार द्वारा वहां  समुचित भूमि भी मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने कहा मंडी जिला राज्य के शिमला, कुल्लु, मनाली, लाहौल-स्पिति व कांगड़ा जिला का प्रवेश द्वार भी है और राज्य में विदेशी व घरेलू पर्यटकों के आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ सामरिक दृष्टि से भी यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण की नितांत आवश्यकता है क्योंकि प्रदेश की सीमाएं चीन के साथ सटी हैं।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विगत 23 अप्रैल को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात करके मंडी जिला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण का मामला प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण की एक उच्च स्तरीय टीम मंडी जिला के दौरे पर आई थी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया था कि हिमाचल प्रदेश घरेलू व विदेशी दोनों तरह के पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है और पर्यटन क्षेत्र का राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में अहम योगदान है। लेकिन राज्य में पर्यटकों की अधिकाधिक आमद सुनिश्चित करने और उनकी सुविधा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे की उपलब्धता न होने से राज्य अपनी संपूर्ण पर्यटन क्षमता का लाभ उठा पाने से वंचित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने इसके अलावा प्रदेश के शिमला, भूंतर व गग्गल में स्थित तीनों हवाई अड्डों के विस्तारीकरण के लिए समुचित कदम उठाए जाने की भी जोरदार वकालत की थी ताकि प्रदेश में हवाई अड्डों का नेटवर्क सुदृढ़ हो सके।

 

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