सभी शिक्षकों के लिए बनेगी एक समान नीति : शिक्षा मंत्री

शिमला: शिक्षा विभाग में विभिन्न प्रक्रियाओं के तहत भर्ती शिक्षकों में समानता लाने का सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है जिसमें एस.एम.सी. शिक्षक भी सम्मिलित होंगें। यह विचार आज शिक्षा, विधि एवं संसदीय मामले मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश पीरियड बेसिज एसएमसी शिक्षक संघ द्वारा होटल बुडविल पैलेस में आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम के तहत व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों तथा अन्य सम्बन्धित विभागों से परामर्श कर कार्ययोजना तैयार की जाएगी ताकि इस कार्य को जल्द क्रियान्वित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि दूरदराज व अन्य क्षेत्रों में एसएमसी शिक्षक अपने कार्यो को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षक जहां पढ़ा रहे हैं, वहां नियमित शिक्षक की नियुक्ति न की जाए, इस पर भी विचार किया जाएगा।  उन्होंने कहा कि इन अध्यापकों को अवकाश व अन्य सुविधाएं मिलें इसके लिए विभाग से बात कर जल्द नीति बनाई जाएगी।  उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में शिक्षा का विकास और विस्तार केवल सरकारी स्कूलों व शिक्षकों के माध्यम से ही हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या की निरन्तरता बनाए रखने तथा इनको बढ़ाने के लिए शिक्षकों की कार्यप्रणाली अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

समारोह में कृषि मंत्री डा.रामलाल मार्कण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि एसएमसी भर्ती नीति भाजपा के पूर्व शासनकाल में आरम्भ की गई थी।  उन्होंने कहा कि एसएमसी अध्यापक शिक्षा की ओर भी विशेष ध्यान दें ताकि गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की सरकार की बचनवद्धता प्रभावी रूप से क्रियान्वित हो सके। उन्होंने शिक्षकों की समान नीति का आश्वासन दिया। चैपाल क्षेत्र के विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि शिक्षक समाज प्रदेश और देश के भविष्य का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के माध्यम से वह एसएमसी शिक्षकों का पक्ष सरकार के समक्ष रख उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करेंगें।

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