मुख्यमंत्री ने की पंचायत समिति सदस्यों के मानदेय में बढ़ौतरी की घोषणा

  • ग्रामीण क्षेत्रों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : जय राम ठाकुर

मण्डी: राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर मण्डी में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की 90 प्रतिशत तथा देश की 70 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के बिना राज्य और देश के विकास की कल्पना संभव नहीं है। इस कार्यक्रम में प्रदेश की 3226 पंचायतों व अन्य शहरी निकायों के 3500 निर्वाचित जनप्रतिनिधि शामिल हुए।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मध्यप्रदेश के मण्डला जिले से प्रसारित भाषण का सीधा प्रसार किया गया। जय राम ठाकुर ने कहा कि इस दिन हमारे संविधान ने ग्राम पंचायतों को स्वयं सतत् इकाई व स्वयं सरकार की शक्तियां प्रदान की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सरकार की शक्तियों का विकेन्द्रीकरण पंचायत तक करने का स्वप्न देखा था, जहां हर गांव उत्तरदायी होगा और अपने मामलों का स्वयं निष्पादन करेगा, जिससे ‘ग्राम स्वराज’ की नींव रखने का मार्ग प्रशस्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषद तथा पंचायत समितियों को विकासात्मक कार्यों के लिए 45 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मणिपुर राज्य के बाद देश का दूसरा ऐसा राज्य है, जिसे बाह्य शौचमुक्त राज्य घोषित किया गया है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने पर भी बल दिया। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करने पर भी बल दिया ताकि उनकी कार्य प्रणाली में सुधार आ सके। उन्होंने पंचायत समिति के सदस्यों के मासिक मानदेय में वृद्धि कर 4000 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की तथा जिला परिषद सदस्यों के मानदेय की विसंगतियों को भी दूर करने की घोषणा की। ठाकुर ने इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन में बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को पुरस्कार प्रदान किए। मण्डी जिला के सराज विकास खण्ड की थाचाधार पंचायत को मनरेगा के अन्तर्गत अधिकतम परिवारों को सौ दिन का रोजगार प्रदान करने के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। द्वितीय पुरस्कार चम्बा जिले के पांगी विकास खण्ड की राय पंचायत को प्रदान किया गया,  जबकि मण्डी जिला के सराज विकास खण्ड की घाट पंचायत ने तीसरा पुरस्कार प्राप्त किया।

मनरेगा के तहत अधिकतम धनराशि के उपयोग के लिए मण्डी जिला के सराज विकास खण्ड की ग्राम पंचायत खलवान ने प्रथम, चम्बा जिला के सलूणी विकास खण्ड की ग्राम पंचायत किहार्ड ने द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार बिलासपुर जिला के झण्डूता विकास खण्ड की जेजवियां पंचायत को प्रदान किया गया।

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