- योजना के अर्न्तगत वित्तीय सहायता राशि दिए जाने की फैलाई जा रही अफवाह
शिमला: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मन्त्रालय और निदेशालय महिला एवं बाल विकास के सज्ञांन में आया है कि कुछ अनाधिकृत साईटों/सगंठनों/व्यक्तियों द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत नकद प्रोत्साहन राशि के नाम पर फार्म वितरित किये जा रहे हैं तथा इस योजना के अर्न्तगत वित्तीय सहायता राशि दिए जाने की अफवाह फैलाई जा रही है।
राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि प्रदेश में उक्त योजना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अर्न्तगत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ऊना, कागंडा, हमीरपुर, शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर और मण्डी में लागू की जा रही है। इस योजना का मुख्य उदेश्य गिरते लिंग अनुपात में सुधार लाना, जैण्डर पक्षपाति लिंग चयनित समापन्न पर रोक लगाना, बालिकाओं की उतरजीविता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना व बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत किसी को भी नकद राशी वितरित करने का प्रावधान नहीं है। योजना के तहत नकद राशि देने का वादा करने वाला कोई व्यक्ति/सगंठन/आनॅंलाइन पोर्टल जनता को धोखा दे रहा है। इस प्रकार की धोखाधड़ी करने वाले या इसे बढ़ावा देने वाले सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी। जनता को सलाह दी जाती है कि ऐसी योजनाओं के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार न बनें और पैसे न दें अथवा अपनी निजी जानकारी (आधरकार्ड/बैंक विवरण फोन नम्बर/ईमेल आडी/कोई अन्य) सांझा न करें।
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी मामला अगर किसी व्यक्ति के समक्ष आए तो इसकी जानकारी नजदीकी पुलिस स्टेशन को जानकारी दें। उन्होंनें लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित ऐसे भ्रामक संदेशों व प्रसार के बहकावे में न आएं। यदि किसी भी स्थान पर कोई व्यक्ति भ्रामक प्रचार या इस प्रकार के फार्म/प्रपत्र भरने बारे प्रेरित करें या लोगों को संदेश भेजते पाया जाता हे तो उसकी सूचना तुरन्त सम्बन्धित क्षेत्र के जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी व आई.सी.डी.एस पर्यवेक्षक को दें।