स्कूल बस हादसा: ….उनकी मासूम शरारतें, प्यारी-प्यारी बातें, सब कुछ बिखर गया

  • …उनकी मासूम शरारतें, प्यारी-प्यारी बातें, सब कुछ बिखर गया”
  • “जाने किस-किस माँ के घर का आज गुलशन उजड़ गया”

कांगड़ा: घर से स्कूल गए मासूम बच्चों के माता-पिता को क्या पता था कि आज स्कूल से छुट्टी होने पर उनके बच्चे जब घर के लिए निकलेंगे तो घर कभी पहुंचेंगे ही नहीं। सोचकर ही मन विचलित हो जाता है, तो सोचो आज उन घरों में क्या हो रहा होगा जिन घरों के चिराग अभी रोशन होने से पहले ही बुझ गए। हादसे का मंजर हर तरफ चीख पुकार। नन्हें मासूमों का दर्द, चीखें, तड़फ और फिर एक ख़ामोशी…। माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी, नाना-नानी हर परिवार का सदस्य जिनके बच्चे उस हादसे में मौत का ग्रास बने।

जिन बच्चों के लिए माता-पिता ने उनके उज्ज्वल भविष्य के सपने देखे थे, घर पर जिन नन्हों के हल्की सी खरोंच आते ही, व जरा सा रोने पर भी पूरा घर परिवार घबरा जाता था, आज उन मासूमों के जख्म इतने गहरे हैं कि उन्हें भरने तक की कोई गूंजाइश भगवान ने छोड़ी ही नहीं। उनकी मासूम शरारतें, प्यारी बातें सब कुछ बिखर गया। आखिर इस हादसे का गुनाहगार कौन? बहुत बड़ी चर्चा का विषय है, ….हर बार कहते हैं कि हमें हादसों से सबक लेना चाहिए लेकिन कौन कितना सबक लेता है सब सामने है। हर माता-पिता अपने जिगर के टुकड़ों को विश्वास के साथ बस व छोटी गाड़ी से स्कूल भेजते हैं ताकि बच्चे बिना तकलीफ के आराम से व सुरक्षा के साथ स्कूल पहुंचे। गाड़ी चलाने वाले की जिम्मेवारी है कि वो गाड़ी धीरे और सतर्कता से चलाएं। निवेदन भी है कि देश के नौनिहालों के साथ-साथ अपनी सुरक्षा को भी ध्यान में रखकर वाहन चलाएं। बच्चों के माता-पिता के साथ-साथ उनके पूरे परिवार व स्कूल टीचर्स का विश्वास वाहन चलाने वाले पर टिका होता है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के मलकवाल में एक निजी स्कूल बस के 200 फीट गहरी खाई में गिरने से करीब 23 बच्चों के मरने से पूरा प्रदेश स्तब्ध है। निजी स्कूल बस छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी कि नूरपुर-मलकवाल के पास पलटने के बाद लगभग 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी। यह हादसा मलकवाल से ठेहड़ के बीच हुआ। सूचना के अनुसार 23 स्कूली बच्चों सहित 26 लोगों की मृत्यु हुई है। घायल बच्चों को सिविल अस्पताल नूरपुर में भर्ती करवाया गया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्कूल बस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने कहा कि यह एक दुःखद् घटना है जिसमें मासूम स्कूली बच्चों की जानें गई हैं। उन्होंने दुर्घटना में मारे गए दिवंगत आत्माओं की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है तथा शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि वह इस दुघर्टना से बेहद दुःखी हैं, जिसमें वज़ीर सिंह पठानिया मेमोरियल स्कूल नूरपुर के 23 बच्चों तथा तीन अन्यों ने अपनी बहुमूल्य जानें गंवाई हैं। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शान्ति की प्रार्थना की है। उन्होंने घायल बच्चों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

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