नई दिल्ली: आधार पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार से बैंक फ्रॉड पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। कोर्ट ने कहा बैंक फ्रॉड के लिेए एक से ज्यादा दस्तावेजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। कोर्ट में आधार कार्ड की वैधता पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। संविधान पीठ ने आज हुई सुनवाई में सरकार की दलीलों पर कई सवाल खड़े किए। जब आधार पक्ष में दलील रखते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि ये स्कीम बैंक फ्रॉड, बेनामी ट्रांजेक्शन जैसे कई अपराधों पर अंकुश लगाने में कारगर है तो सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की इस दलील से असहमति जताई।
जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि बैंक फ्रॉड को आधार स्कीम से नहीं रोका जा सकता। इस तरह के फ्रॉड बैंकों के पास उस शख्स की पूरी जानकारी होती है, जिसे लोन दिया होता है। बैंक फ्रॉड की असल वजह ये है कि बैंक अधिकारी और फ्रॉड करने वाले मिले हुए होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि भले ही सरकार समाज में आधार कार्ड योजना को असमानता को खत्म करने वाली योजना के तौर पर प्रोजेक्ट करे पर हकीकत ये है कि असमानता की खाई भर नही पाई है।
जस्टिस सीकरी ने पूछा कि सरकार हर गतिविधि के लिए आधार चाहते हैं आपने 144 नोटिफिकेशन जारी किए हैं। इसमें आप मोबाइल से आधार को क्यों जोडना चाहते हैं? क्या आप हर नागरिक को आतंकी या उल्लंघनकर्ता मानते हैं? इस पर अटॉनी जनरल ने जवाब दिया कि आतंकी जम्मू-कश्मीर में आसानी से सिम लेते हैं और मैसेज करते हैं। इससे आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम सरकार की बुद्दिमत्ता पर शक नहीं कर रहे लेकिन क्या आतंकी सिम कार्ड के लिए आवेदन करते है, वो तो सेटेलाइट फोन इस्तेमाल करते हैं।