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कर्नाटक विधानसभा : 12 मई को होगा चुनाव, 15 मई को आएंगे नतीजे, आचार संहिता लागू

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में 12 मई को चुनाव कराने की घोषणा की। वोटों की गिनती का काम 15 मई को किया जाएगा। चुनाव को लेकर अधिसूचना 17 अप्रैल को जारी की जाएगी और अधिसूचना भरने की आखिरी तारीख 24 अप्रैल तक होगी। 25 अप्रैल को अधिसूचना पेपर्स की जांच की जाएगी।

चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए नई दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने कहा- चुनाव का मुख्य थीम होगा- सुगम चुनाव। इसमें करीब चार करोड़ ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। राज्यभर में करीब 56,700 बूथ बनाए जा रहे हैं और सभी परिवारों को वोटर्स गाइड दिए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि फेसबुक हमारा सोशल मीडिया पार्टनर बना रहेगा। उन्होंने कहा- “सोशल मीडिया एक वास्तविकता है लेकिन सावधनी रखी जाएगी।” गौरतलब है के फेसबुक को डेटा लीक को लेर काफी आलोचनाओं का सामने करना पड़ा रहा है जिस पर दुनियाभर में चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है।

चुनाव आयोग ने कहा कि कर्नाटक की सभी 56 हजार बूथों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा। दिव्यांगों और महिलाओं के लिए पोलिंग बूथ पर विशेष इंतजाम किये जाएंगे। इसके साथ ही, 28 मई से पहले सारी प्रक्रियाएं पूरी की जाएगी। कर्नाटक में मौजूदा कांग्रेस  की सिद्धारमैया सरकार का कार्यकाल 28 मई को पूरा हो रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक, बिना दस्तावेज के बड़ी रकम जब्त कर ली जाएगी। चुनावी खर्च पर विशेष नजर रखी जाएगी। 27 तारीख तक नामांकन वापस लेने की आखिरी होगी।

बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा कि चुनाव आयोग की तरफ से कर्नाटक चुनाव की तरीख के ऐलान से पहले ही ट्वीटर पर तारीख बता दिया। जिसके बाद चुनाव आयोग से जब इस बारे में सवाल किया गया तो मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। कर्नाटक की 225 विधानसभा सीटों पर 224 के लिए चुनाव होने हैं जबकि एक सीट पर ऐंग्लो-इंडियन समुदाय से सदस्य मनोनीत होगा। कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है। दोनों ही पार्टियों के स्टार कैंपेनर इन दिनों जोर-शोर से प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जहां सिद्धारमैया सरकार अपनी सीट बचाने के लिए उतरेगी वहीं बीजेपी भी इस बार यहां सत्ता पर काबिज होने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। तीसरी ओर जेडीएस-बीएसपी एक साथ मिलकर दोनों प्रमुख पार्टियों को चुनौती देगी।

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