कल से चैत्र नवरात्र शुरू : जानें शुभ मुहुर्त, यूं करें कलश स्थापना व व्रत विधान

चैत्र नवरात्र शुरू : जानें शुभ मुहुर्त, यूं करें कलश स्थापना व व्रत विधान

हिंदू पंचांग के अनुसार ही चैत्र नवरात्र से ही नए साल की शुरूआत होती है। इस साल चैत्र नवरात्र रविवार 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं। वहीं इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन 25 मार्च को होगी। नवरात्रि के दौरान 9 दिन व्रत किया जाता है। मां दुर्गा के 9 रूपों की आराधना की जाती है। नवरात्र के एक दिन पहले दिन घटस्थापना की जाती है। इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है। दसवें दिन कन्या पूजन के बाद व्रत को खोला जाता है। यह नवरात्रि चैत्र शुक्ल पक्ष की वासंतिक नवरात्रि है। इसे शक्ति पैदा करने की नवरात्रि भी कहा जाता है। इस बार यह नवरात्रि 18 मार्च से शुरू होगी और इसका समापन रामनवमी के साथ 25 मार्च को होगा। इस बार की नवरात्रि आठ दिन की होगी।

कलश की स्थापना कैसे करें?

  • – कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को शुद्ध कर लेना चाहिए।
  • – एक लकड़ी का पटरा रखकर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए।
  • – इस कपड़े पर थोड़े-थोड़े चावल रखने चाहिए।
  • – चावल रखते हुए सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करना चाहिए।
  • – एक मिट्टी के पात्र में जौ बोना चाहिए।
  • – इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करना चाहिए।
  • – कलश पर रोली से स्वस्तिक या ऊँ बनाना चाहिए।
  • – कलश के मुख पर रक्षा सूत्र बांधना चाहिए।
  • – कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रखने चाहिए।
  • – कलश के मुख को ढक्कन से ढंक देना चाहिए।
  • – ढक्कन पर चावल भर देना चाहिए।
  • – एक नारियल ले उस पर चुनरी लपेटकर रक्षा सूत्र से बांध देना चाहिए।
  • – इस नारियल को कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवताओं का आह्वान करना चाहिए।
  • – अंत में दीप जलाकर कलश की पूजा करनी चाहिए।
  • – कलश पर फूल और मिठाइयां चढ़ाना चाहिए।
  • – नवरात्र में देवी पूजा के लिए जो कलश स्थापित किया जाता है वह सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का ही होना चाहिए।
  • कलश स्थापना का मुहूर्त क्या होगा?
  • – कलश की स्थापना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को की जाती है।
  • – इस बार प्रतिपदा सायं 06.32 तक रहेगी।
  • – अतः सायं 06.32 के पूर्व ही कलश की स्थापना कर लें।
  • – इसमें भी सबसे ज्यादा शुभ समय होगा – प्रातः 09.00 से 10.30 तक।

नवरात्रि में व्रत का विधान क्या होगा?

  • – नवरात्रि में नौ दिन भी व्रत रख सकते हैं और दो दिन भी।
  • – जो लोग नौ दिन व्रत रक्खेंगे वो लोग दशमी को पारायण करेंगे।
  • – जो लोग प्रतिपदा और अष्टमी को व्रत रखेंगे वो लोग भी इस बार दशमी को पारायण करेंगे।
  • – व्रत के दौरान जल और फल का सेवन करें।
  • – ज्यादा तला भुना और गरिष्ठ आहार ग्रहण न करें।

नवरात्रि के प्रथम दिन देवी के किस स्वरुप की उपासना होती है?

– नवरात्रि के प्रथम दिन मां के शैलपुत्री स्वरुप की उपासना होती है। हिमालय की पुत्री होने के कारण इनको शैलपुत्री कहा जाता है। पूर्व जन्म में इनका नाम सती था, और ये भगवान शिव की पत्नी थी। सती के पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान कर दिया था। इसी कारण सती ने अपने आपको यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया। अगले जन्म में यही सती शैलपुत्री बनी और भगवान शिव से ही विवाह किया। माता शैलपुत्री की पूजा से सूर्य सम्बन्धी समस्याएं दूर होती हैं। मां शैलपुत्री को गाय के शुद्ध घी का भोग लगाना चाहिए। इससे अच्छा स्वास्थ्य और मान सम्मान मिलता है।

9 नहीं 8 नवरात्रि होंगे

इस बार नवरात्रि 8 दिनों के होंगे, 25 मार्च को अष्टमी और नवमी तिथि एक साथ होंगी। नवरात्रि के नौ दिनों में दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करना बहुत उत्तम रहता है। ऐसे कहा जाता है कि अगर साफ-सफाई से सही शब्दों की उच्चारण किया जाए तो देवी मां का आशीर्वाद मिलता है। सोना चांदी जरुर खरीदे सोना चांदी जरुर खरीदे नवरात्रि के दिन बहुत ही शुभ माने जाते हैं।

कहा जाता है कि इन दिनों में किए सभी काम सफल होते हैं। इसलिए इन दिनों में गृह प्रवेश, मांगलिक कार्य और सोने चांदी खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है।

इत्र अर्पित करें नवरात्रि के दिन माता को इत्र अर्पित करना चाहिए। कहा जाता है कि इसके बाद मां दुर्गा को इत्र अर्पित करने के बाद उस इत्र को मां का आशीर्वाद समझकर उसे इस्तेमाल करना चाहिए।

मां को भोग जरुर लगाएं:  मां को भोग जरुर लगाएं नवरात्रि के दिन मां आपके घर मेहमान बनकर आती हैं। इसलिए नवरात्रि के दिन व्रत में आप अपने लिए जो बनाएं उसका मां दुर्गा को पहले भोग लगाएं। इसके अलावा घर में आने वाले मेहमानों को भी बिना खिलाएं जाने न दें।

काले तिल और जल को अर्पित करें

  •  काले तिल और जल को अर्पित करें अगर परिवार में कोई सदस्य बीमार है तो नवरात्रि में शिवलिंग पर काले तिल और जल अर्पित करना चाहिए। कहा जाता है कि इससे परिवार के लोगों के सभी कष्ट दूर होते हैं।

करें दुर्गा के 108 नामों का जाप करें

  •  दुर्गा के 108 नामों का जाप कहते हैं नवरात्रियों में रोजाना मां दुर्गा के सभी 108 नामों का जाप करने से हर संकट और तकलीफ टलती हैं। दुर्गा सप्‍तशती में मां दुर्गा के सारे 108 नामों का उल्‍लेख किया गया हैं। इन नामों का उच्‍चारण जरुर करें।

इन देवियों की होगी पूजा

  • 18 मार्च 2018: घट स्थापना और शैलपुत्री पूजन
  • 19 मार्च 2018: ब्रह्मचारिणी पूजन
  • 20 मार्च 2018: चंद्रघंटा पूजन
  • 21 मार्च 2018: कुष्मांडा पूजन
  • 22 मार्च 2018: स्कंदमाता पूजन
  • 23 मार्च 2018: कात्यायनी पूजन
  • 24 मार्च 2018: कालरात्रि पूजन और महागौरी पूजन
  • 25 मार्च 2018: सिद्धिदात्री पूजन और राम नवमी
  • कन्या पूजन का विशेष महत्व

हिंदु धर्म की मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में कन्या पूजन का खास महत्व होता है। अष्टमी या नवमी को कन्याओं को बुलाकर भोजन कराते हैं और दक्षिणा देते हैं। लोग दो साल से 10 साल तक की कन्याओं को पूजते हैं, क्योंकि उनमें मां के नौ रूपों का वास होता है।

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