शिमला: वन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने कहा कि हिमालयन अध्ययन पर राष्ट्रीय मिशन ने विकृत वन भूमि को इको मॉडल बनाने के लिए वन मण्डल कुल्लू के लिए 3 करोड़ रुपये की इको-रिस्टोरेशन तथा स्तरोन्नयन परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है। इसी प्रकार, मिशन ने मण्डी जिला के वन मण्डल नाचन में भी 3 करोड़ रुपये की इको-रिस्टोरेशन परियोजना को भी स्वीकृति प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि परियोजना में विकृत वन क्षेत्रों के इको-रिस्टोरेशन पर बल दिया जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से परियोजना के संबंध में दिशा-निर्देशानुसार आवश्यक प्रक्रिया व औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में इस परियोजना के कार्यान्वित होने से वनक्षेत्र को नई संजीवनी मिलेगी।
वन मंत्री श्री गोविन्द ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के वन क्षेत्र को बढ़ाने के भरसक प्रयास कर रही है और यह कार्य सभी हितधारकों की सक्रिया सहभागिता से संभव होगा। वन न केवल प्रदेश के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वन हवा में कार्बन की बढ़ती मात्रा को कम करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। वनों के अभाव में जीवन असंभव है और प्रत्येक व्यक्ति को वनों के सरंक्षण तथा वन लगाने में सहयोग करने की आवश्यकता है।