हिमाचल कैबिनेट: आयुर्वेदिक विभाग में चिकित्सकों की 100 बैचवाईज, 100 पद की सीधी भर्ती व आबकारी नीति को स्वीकृति

शिमला: हि.प्र. मंत्रिमण्डल की आज यहां आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में दो गोल्ड रिफाईनरीज के लिए कर की वापसी के लिए योजना रद्द कर दी जाए और वैद्य कर की देय राशि के लिए अपराधिक षड़यंत्र रचने की जांच विजिलेंस विभाग द्वारा की जाएगी और अपराधी की पहचान कर कानून के अनुसार दण्डित किया जाएगा।

इन फर्मों को स्थानीय क्षेत्र अधिनियम 2010 के तहत हि.प्र. वस्तु प्रवेश कर के अन्तर्गत गोल्ड रिफाईनरी इकाइयों के कर के रूप में 14,10,98,423 रुपये की बकाया राशि जमा करनी होगी।

यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य में बीमार औद्योगिक इकाईयों के पुनरूद्धार के लिए प्रोत्साहन योजना की भी इसी प्रकार जांच की जाएगी।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मंत्रिमण्डल की बैठक की अध्यक्षता की।

मंत्रिमण्डल ने सोलन जिले के चम्बाघाट स्थित परिधि गृह भवन तथा कण्डाघाट में अस्पताल भवन के निर्माण के लिए दी गई गई स्वीकृतियों की जांच करवाने का निर्णय लिया। रिपोर्ट के अनुसार यह निर्माण पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा मंत्री परिषद की पूर्व अनुमति के बिना शुरू करवाया गया था और इस प्रकार रूल ऑफ बिजनेस और निर्देशों की अवहेलना की।

बैठक में आयुर्वेद विभाग में अनुबन्ध आधार पर आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों के 200 पदों को भरने की मंजूरी प्रदान की गई। आयुर्वेदिक चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए 100 पद बैचवाईज तथा 100 पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे। यह निर्णय राज्य के लोगों को उनके घरद्धार के समीप आयुर्वेद चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में मददगार होगा।

बैठक में किसानों को ऋण सुविधा के लिए हि.प्र. राज्य सहकारी कृषि तथा ग्रामीण विकास बैंक सीमित के पक्ष में राज्य सरकार की 325 करोड़ रुपये के गारंटी समर्थन 31 मार्च, 2019 तक जारी रखने को स्वीकृति प्रदान की।

मंत्रिमण्डल ने कांगड़ा जिले के सलाह जन्द्राह स्थित राजकीय आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र का नाम शहीद जगदीश सिंह राणा के नाम पर रखने का निर्णय लिया, जो शहीद के लिये श्रद्वांजलि होगी।

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