पारंपरिक व्यवसाय को जारी रखने के इच्छुक युवाओं के कौशल को बढ़ाना समय की आवश्यकता : सीएम

  • वैश्विक बाजार के लिये हथकरघा व हस्तशिल्प को विशेषता के आधार पर उजागर करने हेतु ब्रांडिग की आवश्कता

शिमला: राज्य के जिलों के हथकरघा, हस्तशिल्प, काश्त कला, लघु चित्रों जैसे उत्पादों को उनकी विशेषता के आधार पर उजागर करने तथा वैश्विक बाजार में उनकी ब्रांडिंग करने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि ये उत्पाद ताकि वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो सकें। उन्होंने कहा कि चम्बा जिले ने रुमाल, कुल्लू व किन्नौर ने शॉल, टोपी, हथकरघा व हस्तशिल्प, कांगड़ा ने चित्रकला आदि में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहले ही अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा कि आत्म निर्भरता के लिये जो पारंपरिक व्यवसाय को जारी रखने के इच्छुक युवाओं के कौशल को बढ़ाना समय की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री आज यहां हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कम समय में हासिल न किए जाने वाले व्यवसायों के बजाए ऐसे व्यवसायों और कौशलों पर ध्यान देने के लिये कहा जिन्हें आसानी से पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ‘मैं चाहता हॅूं कि वास्तविक स्थिति को प्रस्तुत किया जाना चाहिए और आने वाले समय में प्रगति ज़मीनी स्तर पर नज़र आनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोज़गार की क्षमता बढ़ाने के लिये लघु व दीर्घकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अलावा युवाओं के लिये कृषि तथा बागवानी क्षेत्र में कौशल प्रदान करने की काफी संभावना है।

सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने मशरूम की खेती के लिये प्रशिक्षण, पर्यटन तथा प्रशिक्षण आधारित व्यवसायों पर बल दिया, जिनके माध्यम से युवाओं को विदेश में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होंने युवाओं को बागवानी क्षेत्र में विशेषज्ञ प्रशिक्षण कार्यक्रम के अलावा प्लबंर व पंप-आप्रेटर के प्रशिक्षण पर भी बल दिया, जिनमें रोजगार की अपार संभावना है।

कौशल विकास परियोजना के प्रबंध निदेशक राजेश शर्मा ने कौशल विकास परियोजना पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य के 12 महाविद्यालयों में रिटेल, पर्यटन तथा आतिथ्य सत्कार में स्नात्तक स्तर के व्यवसायिक पाठ्यक्रम (बी.वोकेशनल) आरंभ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिये हि.प्र. कौशल विकास निगम ने अस्तित्व में आने के बाद भारत सरकार की 20 से अधिक क्षेत्र कौशल परिषदों तथा मुख्य औद्योगिक घरानों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हैं।

हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम ने कांगड़ा, कुल्लू, मण्डी, सोलन, शिमला तथा सिरमौर छः स्थानों पर आठ सेक्टरों में 13 रोज़गार सूचियों में 1080 प्रशिक्षुओं के लिये पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा कर लिया है।

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