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लैंटाना घास से अन्य उत्पाद तैयार करने पर हो अनुसंधान, हर वर्ग को मिले मिड हिमालय परियोजना का लाभ : वन मंत्री

  • अधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर सौंपने के निर्देश

शिमला : वन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने आज यहां मिड हिमालय परियोजना के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस परियोजना का लाभ समाज के हर वर्ग को मिलना चाहिए, विशेषकर उन व्यक्तियों को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिए जो अभी तक परियोजना के लाभ से वंचित हैं। बैठक के दौरान परियोजना द्वारा किए गए कार्यों तथा विश्व बैंक वित्तपोषित इस परियोजना के अगले चरण के बारे में कार्य योजना तैयार करने पर चर्चा की गई। ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत आने वाले समय में उन क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्य किया जाए, जो अभी तक योजना में शामिल नहीं किए गए हैं। उन्होंने परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में अलग-अलग स्थानों पर परियोजना के तहत किए गए कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी निरीक्षण करने के लिए जायेंगे ताकि भविष्य में और बेहतर कार्य सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने अधिकारियां से कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थितियों को मध्यनजर रखते हुए कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी की कूहलों को ठीक करने के साथ-साथ छोटे घराट भी विकसित किए जाने चाहिए। इसी प्रकार, दूर-दराज के इलाकों में छोटे पुलों के निर्माण के साथ-साथ नदियों तथा नालों को पार करने के लिए डीजल व बैटरी आधारित रोप-वे का निर्माण भी किया जाए, जिससे लोगों को आवाजाही की सुविधा के साथ-साथ सामान व उत्पाद ढोने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि लैंटाना से अन्य उत्पाद तैयार करने पर अनुसंधान किया जाना चाहिए और उद्योगों में किस प्रकार लैंटाना का प्रयोग किया जा सकता है इस बारे भी विस्तृत अध्ययन किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर सौंपने के निर्देश दिए।

वन मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि परियोजना के अंतर्गत गांव में बावड़ियों व जल स्त्रोतों का निर्माण व रख-रखाव पारम्परिक तरीके से किया जाना चाहिए और पशुओं को पानी पीने के लिए खुरली इत्यादि के निर्माण का भी प्रावधान रखा जाना चाहिए।

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