सामाजिक सेवा क्षेत्र के लिए करीब 2548 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित

  • वर्ष 2018-19 के लिए 6300 करोड़ रुपये आकार की वार्षिक योजना स्वीकृत

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य योजना बोर्ड की बैठक में वर्ष 2018-19 के लिए 6300 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना स्वीकृत की गई। योजना में 10.51 फीसदी की बढ़ौतरी की गई है और यह पिछले वर्ष के 5700 करोड़ रुपये के मुकाबले 600 करोड़ रुपये अधिक है। वार्षिक योजना में सामाजिक सेवा क्षेत्र, परिवहन तथा संचार, कृषि एवं सम्बद्ध गतिविधियों, ऊर्जा, सिंचाई तथा बाढ़ नियंत्रण इत्यादि को अतिरिक्त प्राथमिकता प्रदान की गई है।

सामाजिक सेवा क्षेत्र के लिए 2548 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है और 1095 करोड़ रुपये के प्रावधान सहित परिवहन तथा संचार को दूसरे स्थान पर रखा गया है। तीसरी प्राथमिकता कृषि तथा सम्बद्ध गतिविधियों को दी गई है और इसके लिए 844 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है, जबकि ऊर्जा क्षेत्र के लिए 682 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। सिंचाई तथा बाढ़ नियंत्रण के लिए 431 करोड़ रुपये, सामान्य आर्थिक सेवाओं के लिए 285 करोड़ रुपये, जबकि अन्य क्षेत्रों में 415 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड से ऋण पोषित ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि (आर.आई.डी.एफ)के अंतर्गत 653 करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत सड़कों तथा पुलों के लिए 368 करोड़, ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं के लिए 130 करोड़, लघु सिंचाई योजनाओं के लिए 110 करोड़, सूक्ष्म सिंचाई तथा पॉलीहाउस के अलावा बाढ़ नियंत्रण तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति क्षेत्रों के लिए 38 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एच.सी. शर्मा की पुस्तक ‘स्ट्रैटजी फॉर डब्बलिंग फार्म इनकम इन हिमाचल प्रदेश’ का विमोचन किया।

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