प्रदेश में जैव विविधिता व जड़ी-बूटियों के संरक्षण हेतु आम आदमी का सहयोग भी आवश्यक

  • जैव विविधता संरक्षण के लिए सभी का सहयोग आवश्यकः मनीषा नन्दा
  • हिमाचली जड़ी बूटी व जैव विविधता को बचाने के लिए की जा रही कार्य योजना तैयार : कुणाल सत्यार्थी

 शिमला: राष्ट्रीय जैव विविधिता कार्य योजना, लक्ष्य और जैव विविधता सम्मेलन पर छठी राष्ट्रीय रिपोर्ट के लिए एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। प्रदेश में जैव विविधिता और जड़ी-बूटियों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए संबद्ध विभागों के साथ-साथ आम आदमी का सहयोग भी अत्यन्त आवश्यक है। यह विचार आज अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्यौगिकी हिमाचल प्रदेश मनीषा नन्दा ने राष्ट्रीय जैव विविधिता कार्य योजना, लक्ष्य और जैव विविधता सम्मेलन पर छठी राष्ट्रीय रिपोर्ट के लिए आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश में जैव विविधिता को बचाए रखने के लिए तैयार की जाने वाली कार्य योजना के लिए आवयश्यक बिन्दुओं पर चर्चा कर रणनीति तैयार करना है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता बोर्ड द्वारा तैयार कार्य योजना के प्रथम चरण में गत वर्ष शिमला, सिरमौर, चम्बा और कुल्लु को चयनित किया गया था।

हिमाचली जड़ी बूटी व जैव विविधता को बचाने के लिए की जा रही कार्य योजना तैयार : कुणाल सत्यार्थी

हिमाचली जड़ी बूटी व जैव विविधता को बचाने के लिए की जा रही कार्य योजना तैयार : कुणाल सत्यार्थी

उन्होने कहा कि इसके तहत जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि चार जिलों में इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 404 समितियों का गठन किया गया। इन जिलों के प्रत्येक पंचायत को एक लाख रुपये की राशि इस कार्य के लिए प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि अगले चरण मे किन्नौर, लाहौल-स्पीति, मंडी और कांगड़ा जिले में भी इसी अनुरूप कार्य किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस एक दिवसय कार्यशाला के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा दिये गए सुझावों और चर्चा के उपरांत निष्कर्षों से आगामी जैव विविधता समिति पर छठी रिपोर्ट के लिए प्रदेश सकारात्मक कार्य योजना भेजने में सक्षम होगा।

सदस्य सचिव राज्य जैव विविधता बोर्ड कुणाल सत्यार्थी ने बताया कि इस कार्यशाला में लगभग 60 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जड़ी बूटी और जैव विविधता को बचाने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर कार्य योजना तैयार की जा रही है।

उन्होंने बताया कि इस कार्य के विस्तार के लिए जिला में प्रत्येक स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन कर लोगों को जैव विविधता के संरक्षण के संबंध में उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता प्रदान की जाएगी। कार्यशाला में पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण चेन्नई के प्रो. पी.एल. गौतम ने संबोधित किया। उन्होंने जैव विविधता संरक्षण कोई समय की प्रमुख आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा कि न केवल देश में बल्कि विदेशो मे भी इस पर वृहद कार्य किये जा रहे है। परियोजना प्रबंधक राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण चेन्नई डॉ. ईश्वर सी पूजार ने भी संबोधित किया।

राज्य परियोजना समन्वयक डॉ. एमएल ठाकुर ने कार्यशाला का संचालन किया, जबकि वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पंकज शर्मा ने अभार व्यक्त किया।

कार्यशाला में कृषि, आयुर्वेद, वन, स्वास्थ्य, शिक्षा उद्योग, पर्यटन, मत्स्य पालन, पशुपालन आदि, स्थानीय समुदायों के प्रतिनिधियों, साथ ही प्रासंगिक क्षेत्रों, व्यापार, नागरिक समाज संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों के अधिकारी, पदाधिकारी व सदस्यों ने हिस्सा लिया।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *