दवाओं के सैंपल फेल होने पर, कंपनियां होंगी ब्लैकलिस्ट : विपिन परमार

  • लोगों के जीवन से खिलवाड़़ करने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती है : विपिन परमार
  • दोषी दवा उत्पादकों के खिलाफ सख्त कार्रवाइ करेगी सरकार : विपिन परमार
  • राजनीतिक संरक्षण में निर्माण कर रही दवा उत्पादन कंपनियों की मनमानी अब कतई नहीं चलेगी

शिमला: राज्य में गत दिनों कुछ दवा उत्पादन कंपनियों द्वारा निर्मित दवाओं के सैंपल फेल होने से संबंधित कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों पर मंत्री ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए दोषी दवा निर्माताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इस संबंध में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। यह बात आज यहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने कही। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण की बात हो, इन संस्थानों में अधोसंरचना उपलब्ध करवाने की बात हो या फिर दवाईयों के उत्पादन की बात हो, किसी भी स्तर पर कोताही को बर्दाशत नहीं किया जा सकता। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि की शिकायतों से निपटने को लेकर हमारी सरकार संवेदनशील है, और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को लेकर शून्य सहिष्णुता के मानदण्डों को अपना रही है।

राज्य में गत दिनों कुछ दवा उत्पादन कंपनियों द्वारा निर्मित दवाओं के सैंपल फेल होने से संबंधित कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों पर मंत्री ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए दोषी दवा निर्माताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समय-समय पर विभिन्न दवाईयों की गुणवत्ता जांचने के लिये सैपलिंग करवाती है और इसके दृष्टिगत पिछले कुछ महीनों के दौरान राज्य में कुल 1065 दवाओं के नमूने लिए गए जिनमें से 33 फेल हुए हैं। मंत्री ने दवाओं के सैंपल फेल होने पर चिंता जाहिर करते हुए ऐसी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही है। परमार ने कहा कि लोगों के जीवन से खिलवाड़़ करने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक संरक्षण में निर्माण कर रही इन कंपनियों की मनमानी अब कतई नहीं चलेगी। उन्होंने दोषी कंपनियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनके उत्पादकों को पहले ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं और ऐसी दवाओं को बाजार से तुरंत हटाने को कहा गया है। विभाग लगातार एसी दवाओं पर नजर रखें हैं और किसी भी स्तर पर कोताही करने पर बख्शा नहीं जाएगा।

गौरतलब है कि राज्य की कुछ दवा कंपनियां जिनमें मैडिपोल, अल्ट्रा, एफाईन, अल्ट्राटैक, पार्क, स्पैन, एडमिन, एचएल हैल्थ केयर षामिल हैं, की कुछ दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं ओर इन कंपनियों को सख्त नोटिस जारी किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि ऐसी दवा कंपनियों पर कड़ी नजर रखी जाए और कोई भी कंपनी यदि नियमों का उल्लंघन करती है, अथवा अवमानक दवाई का निर्माण करती है, तो ऐसी कंपनी का लाईसेंस तक रदद किया जा सकता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को अवमानक दवाओं की आमद अथवा बाजार में उपलब्धता पर हर वक्त निगरानी रखने व दवाओं को तुरंत बाजार से हटवाने तथा दोषीयों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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