- ‘भारत फार्मा व भारत चिकित्सा उपकरण 2018′ : सस्ती और गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं
- भारत के फार्मा उद्योग और चिकित्सा उपकरणों पर सबसे बड़ा वैश्विक सम्मेलन 15 फरवरी से बेंगलुरू में शुरू होगा
- ‘ड्राइविंग नेक्स्टजेन फार्मास्युटिकल्स‘, विषय पर आधारित यह सम्मेलन अगली पीढी की दवाओं के विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा: अनंत कुमार
- अनन्त कुमार उद्योग से जुडी सरकारी नीतियों और उदयोग के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए फार्मा और चिकित्सा उपकरणों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ गोलमेज सम्मेलन करेंगे
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ‘विनियामक प्रणाली को मजबूत बनाने और उसके लिए मानक तय करने पर ‘ पर कार्यशाला का आयोजन करेगा। रसायन एंव उर्वरक मंत्रालय के अधीन औषधि विभाग भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के साथ मिलकर भारत फार्मा और चिकित्सा उपकरण 2018’ सम्मेलन का आयोजन कर रहा है जिसका विषय – ‘सस्ती और और गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवा’ है। अपने किस्म का यह तीसरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी 15 से 17 फरवरी के बीच बेंगलूरु में आयोजित की जाएगी।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री, सिद्धरमैया तथा रसायन एवं उर्वरक और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री मनसुख एल. मंडाविया जैसे गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में केंद्रीय रसायन एंव उर्वरक मंत्री अनंत कुमार इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे और विशिष्ट सभा को संबोधित करेंगे।
अनंत कुमार ने कहा कि ” ‘ड्राइविंग नेक्स्टजेन फार्मास्युटिकल्स’, विषय पर आधारित यह सम्मेलन नयी भविष्य में उन्न्त किस्म की दवाओं अर्थात बायोलॉजिक्स के विकास की दिशा में सकारात्मक कदम होगा और भारत में फार्मास्यूटिकल क्षेत्र के समग्र विकास को उत्प्रेरित करेगा”। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का तीसरा संस्करण सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद होगा और आने वाले वर्षों में यह फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की एशिया में सबसे बड़ी प्रदर्शनी होगी।
‘भारत फार्मा और भारतीय चिकित्सा उपकरण’ 2018 के दौरान केन्द्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन करेंगे। सम्मेलन में फार्मा उद्योग से जुड़ी सरकारी नीतियों तथा उद्योग के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। यह सम्मेलन फार्माऔर चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाने का काम करेगा। सम्मेलन में 50 विदेशी प्रतिनिधियों के साथ ही सैकड़ों प्रतिभागी शामिल होंगे। इसमें 300 से ज्यादा कंपनियां और 50 स्टार्टअप्स अपने उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे। सम्मेलन में उद्योग जगत की 90 से ज्यादा प्रमुख हस्तियां विभिन्न सत्रों को संबोधित करेंगी। सम्मेलन में दवा और चिकित्सा उपकरणों के 20 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय नियामक भारतीय नियामकों के साथ संपर्क में आएंगे। आयोजन में सीआईएस और बिम्सटेक देशों के मंत्रियों का शिष्टमंडल भी भाग लेगा। सम्मेलन के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन फार्मा उद्योग के लिए ‘विनियामक प्रणाली को मजबूत बनाने और उसके लिए मानक तय करने पर एक कार्यशाला का आयोजन करेगा। इस दौरान ‘नैसकॉम’ की ओर से ‘फार्मा, चिकित्सा उपकरण और स्वास्थ्य उद्योग में नवाचार के माध्यम से डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन’ पर एक सम्मेलन भी किया जाएगा। इस अवसर पर फार्मा और चिकित्सा उपकरणों में नवीनता और उत्कृष्टता के लिए भारत फार्मा एंड इंडिया मेडिकल डिवाइस पुरस्कार घोषित किए जाएंगे।
तीन दिवसीय इस सम्मेलन के दौरान तीन तकनीकी सत्र होंगे। इनमें भारत में नई दवाओं की खोज, चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक आपूर्ति देश बनाने, भविष्य की दवाओं को विकसित करने के लिए नियामक आवश्यकताओं से जुड़े अवसरों और चुनौतियों, स्तंभ कोशिकाओं और रिजनरेटिव मेडिसन के क्षेत्र में संभावनाओं और चुनौतियां, स्व-देखभाल के क्षेत्र में उभरते नए रूझानों तथा भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए ओटीसी नियामक फ्रेमवर्क की प्रासंगिकता पर चर्चा की जाएगी। इसमें मेक इन इंडिया तथा एपीआई आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने पर भी विचार-विमर्श होगा।