- नए भारत के लिए आयुष्मान भारत 2022 की घोषणा
- 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रो के लिए 1200 करोड़ रुपये का आवंटन
- 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना
नई दिल्ली: सरकार ने आज आयुष्मान कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य के क्षेत्र में दो महत्तवपूर्ण पहलों की घोषणा की है। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2018-19 पेश करते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों से समग्र रूप से निपटना हैं। इसके तहत प्राथमिक, द्वितीय और तृतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा।
ये पहल निम्न हैं-
स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्र- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की नींव के रूप में स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों की परिकल्पना की गई है। ये 1.5 लाख केंद्र स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली को लोगों के घरों के पास लाएंगे। ये स्वास्थ्य केंद्र असंचारी रोगों और मातृत्व तथा बाल स्वास्थ्य सेवाओं सहित व्यापक स्वास्थ्य देखरेख उपलब्ध कराएंगे। ये केंद्र आवश्यक दवाईयाँ और नैदानिक सेवा भी मुफ्त उपलब्ध कराएंगे। इस महत्तवपर्ण कार्य के लिए 1200 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इन केंद्रों को अपनाने के लिए सीएसआर और लोकोपकारी संस्थाओं के जरिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना- आयुष्मान भारत के तहत इन दुर्गामी पहलों के तहत 10 करोड़ से अधिक गरीब एवं कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को दायरे में लाने के लिए एक फ्लेगशिप राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू की जाएगी जिसके तहत द्वितीय और तृतीय देखरेख अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रूपये प्रति वर्ष तक का कवरेज प्रदान किया जाएगा। यह विश्व का सबसे बड़ा सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य देखरेख कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम के सूचारू कार्यान्वयन हेतु पर्याप्त धन राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत के तहत ये दो स्वास्थ्य क्षेत्र की पहल नए भारत वर्ष 2022 का निर्माण करेंगी। और उनसे समबर्धित उत्पादकता, कल्याण में वृद्धि होगी और इनसे मजदूरी की हानी और दरिद्रता से बचा जा सकगा। इन योजनाओं से विशेष कर महिलाओं के लिए रोजगार के लाखों अवसर सृजित होंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य देखरेख की पहुंच में वृद्धि करने के उद्देश्य से देश में मौजूदा जिला अस्पतालों को अपग्रेड करके 24 नए सरकारी चिकित्सा कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। इस कदम से सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक 3 संसदीय क्षेत्रों के लिए कम से कम एक चिकित्सा कॉलेज और देश के प्रत्येक राज्य में कम से कम एक सरकारी चिकित्सा कॉलेज उपलब्ध हो।