शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद् (हिमकोस्ट) राज्य स्तरीय समारोह ‘‘विश्व वैटलैंड दिवस” 2 फरवरी, 2018 को पौंग डैम, जिला काँगड़ा में राज्य वैटलैंड संरक्षण प्राधिकरण, वन तथा शिक्षा विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित कर रहा है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। इस बार विश्व वैटलैंड दिवस – 2018 का विषय ‘‘सुनहरी टिकाऊ शहरी भविष्य के लिए वैटलैंड‘‘ है। सम्पूर्ण विश्व में यह दिन प्रतिवर्ष 2 फरवरी को मनाया जाता है और इस दिन का अंतर्राष्ट्रीय महत्व इस बात से भी है कि इस दिन ईरान के रामसर शहर में 2 फरवरी, 1971 को वैटलैंडस सम्मेलन में रामसर समझोते के लिए हस्ताक्षर किए गए थे।
सर्वप्रथम विश्व वैटलैंड दिवस वर्ष 1997 मे मनाया गया था। तब से लेकर आजतक सरकारी, गैर सरकारी एजेसियाँ, सामुदायिक समूह, तथा अन्य संस्थान द्वारा जनता में वैटलैंड के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर वैटलैंड के मूल्य, उपयोगिता लाभ बारे सेमिनार, रेडियो कार्यक्रम, त्यौहारों, नई रामसर जगहों बारे, दैनिक समाचार पत्रों, लेखों, वैटलैंड पुर्नवास हेतु कई प्रकार के कार्यक्रम किये जाते हैं। वैटलैंड हमारे समाज के लिए अत्यन्त लाभप्रद हैं जैसे कि मीठे पानी के स्रोत, जल से हानिकारक कचरे को छानने, खाद्य पदार्थो के स्रोत, आजीविका के साधन, बाढ़ और सूखे के जोखिम को कम करने में मददगार, चरम घटनाओं में बफर के रूप में कार्य सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार एवं उपयोगी होते हैं, इसके अतिरिक्त जैव विविधिता के लिए भी अत्यंत उपयोगी होते हैं।
हिमाचल प्रदेश में कई प्रकार के वैटलैंड हैं जोकि विभिन्न पारिस्थितिक क्षेत्रों में फैले हैं और स्थानीय समुदाय की आजीविका का स्रोत हैं तथा अपने सौन्दर्य के लिए पर्यटन को बढ़ावा देते हैं। वर्तमान में राज्य में तीन अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वैटलैंड हैं जैसे किः- पौंग बाँध (काँगड़ा), रेणुका (सिरमौर) एवं चन्द्रताल (लाहौल स्पीति), इसके अतिरिक्त रिवालसर (मण्डी), खज्जियार (चम्बा) को भारतीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने संरक्षण एवं प्रबंद्यन के लिए शामिल किया है।