मालाएं एवं उनकी उपयोगिता

मालाएं एवं उनकी उपयोगिता

ग्रहों को अनुकूल मालाएं ग्रहों को अनुकूल मालाएं

मालाएँ आमतौर से शरीर की शोभा बढ़ाते हैं, पर कर्इ तरह की मालाएँ ऐसी भी होती है जो हमारे ग्रहों को अनुकूल कर हमें परेशानियों से बचाती हैं तथा स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होती है। साथ ही यह तंत्र मंत्र सिद्धि के लिए भी बहुत उपयोगी होती है। यहां हम विभिन्न तरह की मालाओं की उपयोगिता का संक्षिप्त विवरण दे रहें हैं।

स्फटिक की माला- देवी जाप के लिए स्फटिक माला से मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाता है। आर्थिक स्थिति में सुधार आती है। उच्च रक्तचाप के रोगियों को व क्रोध शान्ति के लिए यह माला अचूक है।

सफेद चन्दन की माला- इसका उपयोग शान्ति पुष्टि कर्मों व श्री राम, विष्णु व अन्य देवता की उपासना में होता है। इसके धारण करने से शरीर में ताजगी का संचार होता है।

तुलसी की माला- विष्णु प्रिय तुलसी की माला विष्णु, राम, व कृष्ण जी की उपासना हेतु सर्वोत्तम है। शरीर व आत्मा की शुद्धि के लिए धारण करना उत्तम माना जाता है।

मूंगे की माला- मंगल ग्रह की शान्ति के लिए धारण करना उपयुक्त है व हनुमान जी की साधना के लिए सर्वोत्तम है।

हकीक की माला- भाग्य वृद्धि व सौभाग्य प्राप्ति के लिए इसका विशेष महत्व है। इसमें भूत-प्रेत बाधा व दुर्भाग्य और कर्इ बुराइयों को नाश करने की विशेष शाक्ति होती है। मुसीबत आने पर यह टुट जाता है।

स्फटिक व रुद्राक्ष माला- रुद्राक्ष व स्फटिक माला शिवशक्ति का प्रतीक है। रुद्राक्ष निम्न रक्तचाप को व स्फटिक उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर समन्वय बनाए रखता है। इस माला पर शिव व शक्ति दोनों के जाप किये जाते हैं।

रुद्राक्ष व सोने के दानों की माला- रुद्राक्ष के साथ सोने के दाने रुद्राक्ष की शक्ति में वृद्धि करते हैं। सोना सबसे शुद्ध धातु है। धारक को रुद्राक्ष के गुणों के साथ-साथ शान्ति व समृद्धि की प्राप्ति होती है।

मोती की माला- मोती की माला भाग्य बढ़ाती है, पुत्र प्राप्ति के लिए उत्तम है। मानसिक शान्ति, कर्क राशि, लग्न व पारिवारिक दु:ख में लाभदायक है।

इसके अलावा टाइगर, लाजव्रत, गारनेट, फिरोजा, मरगज आदि की माला अपने राशि व ग्रह के अनुसार आपको कौन सा माला ठीक रहेगा इसकी सलाह लेकर धारण कर सकते हैं।

प्रस्तुतकर्ता ताराचन्द

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