- विपक्ष ठोस और रचनात्मक सुझाव दें, जिससे सरकार को नीति निर्धारण में मिले मदद
- सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर प्रदेश को विकासात्मक कार्यों के साथ एक-दूसरे को सहयोग करते हुए बढ़ें आगे
धर्मशाला : राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज विधानसभा में अपने अभिभाषण में कहा कि सदन में पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को व्यक्तिगत राजनीति से ऊपर उठकर मुद्दों पर आधारित राजनीति को केंद्र में रखकर सकारात्मक ढंग से बहस करनी चाहिए। विपक्ष को चाहिए कि वो ऐसे ठोस और रचनात्मक सुझाव दें, जिनसे सरकार को नीति निर्धारण में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल शासन व दूरदर्शी नेतृत्व और बीजेपी की केंद्रीय सरकार की प्रगतिशील नीतियों के लिए प्रदेश की जनता ने भारी जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर प्रदेश को विकासात्मक कार्यों के साथ एक दूसरे को सहयोग करते हुए आगे बढ़ें। उन्होंने कहा है कि चुनकर आए सदस्य अपना समय किसी बदले की भावना से कार्य करने के बजाए इस बात पर लगाएं कि प्रदेश को कैसे आगे ले जाना है।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने स्वर्णिम हिमाचल दृष्टि पत्र-2017 को एक नीतिगत दस्तावेज बनाकर कार्य करना शुरू कर दिया है। इसमें ऐसे हिमाचल की कल्पना की है, जहां प्रदेश की क्षमताओं और अपार संभावनाओं का विकास किया जाएगा।