शिमला : डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में शुक्रवार शाम बहुत ही खास रही। विश्वविद्यालय के 33वें स्थापना दिवस के साथ-साथ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों के लिए एक एलूमनी मीट का आयोजन किया गया था। इस मौके पर यूनिवर्सिटी और हिमाचल एग्रीकल्चरल कॉलेज, सोलन से शिक्षा ग्रहण कर चुके पूर्व छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में इकट्ठा होकर पुरानी यादें ताज़ा की। हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर पूर्वी राज्यों सहित देश के विभिन्न हिस्सों से अलग अलग बैच के छात्रों ने इस प्रोग्राम में भाग लिया। विदेश से भी कई छात्र इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए।
समारोह को यादगार बनाने के लिए कई प्रोग्राम का आयोजन किया गया था। 1937 में जन्में डॉ एस॰के शर्मा इस कार्यक्रम मे भाग लेने वाले सबसे वरिष्ठ भूतपूर्व छात्र रहे। उन्हें यूनिवर्सिटी के सेंट्रल स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ओंकार ठाकुर ने सम्मानित किया। इस मौके पर एक स्मारिका भी जारी की जाएगी।
पुराने छात्रों ने यूनिवर्सिटी में बिताए गए दिनों को याद किया और अपने व्यवसाय-संबंधी अनुभव साझा किए। कनाडा से आए 1970 बैच के रविंदरजीत सिंह सोखी ने अपने जैविक खेती के कारोबार के बारे मे बताया। मेघालय से एक पूर्व आईएएस ऑफिसर ने इस आयोजन का हिस्सा बने। पंजाब से होशियारपुर से आए गुरबक्श सिंह ने अपनी संस्था के बारे में बात की जिसकी मदद से उन्होनें अब तक कई नेत्रहीन लोगों को नेत्र दान के जरिए रोशनी प्रदान करने में कामयाब हुए हैं।
नौणी विवि के कुलपति डॉ॰ एच सी शर्मा, जो की खुद भी विश्वविद्यालय के ही स्टूडेंट रहे हैं, ने एसोसिएशन के सदस्यों से आग्रह किया की वह मिलकर यूनिवर्सिटी की प्रगति में योगदान करें। अपने भाषण में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ बी॰बी॰ लाल कौशल ने सभी पुराने छात्रों को नए सदस्यों का मार्गदर्शन और समर्थन करने की बात कही।
इस मौके पर पूर्व छात्रों ने अपनी एसोसिएशन के नए कार्यकारी सदस्यों का भी चयन किया। एसोसिएशन ने अध्यक्ष के रूप में डॉ विशाल राणा, उपाध्यक्ष डॉ सतीश शर्मा और एनएस ठाकुर, सचिव डॉ अनिल सूद, संयुक्त सचिव डॉ भारती कश्यप और कोषाध्यक्ष के लिए डॉ अमित विक्रम को चुना। एसोसिएशन के चुने गए नए सदस्यों का पुराने सदस्यों ने हार्दिक स्वागत किया।