शिमला लोकसभा क्षेत्र में 12 लाख 59,085 मतदाता करेंगे 6 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला

क्या है “आचार संहिता”…

आदर्श आचार संहिता ऐसे नियम होते हैं जो चुनाव के दौरान सभी पार्टियों को मानना ज़रूरी होते हैं। चुनाव आयोग ने इन नियमों को कई हिस्सों में बांटा हुआ है। साधारण आचरण, मीटिंग और जुलूस के लिए ज़रूरी बातें, सत्ता पर काबिज़ पार्टी और मतदान के दिन के लिए अलग नियम। इसका मतलब साफ है कि हर मौके के लिए अलग-अलग कायदे कानून बनाए गए हैं।

  • केंद्र या  राज्य सरकार किसी नई योजना की शुरुआत नहीं कर सकती। नई घोषणाएं नहीं हो सकतीं। कुछ खास परिस्थितियों में चुनाव आयोग की इजाज़त लेकर ऐसा किया जा सकता है।
  • सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल चुनावी तैयारियों के लिए नहीं किया जा सकता। सरकारी गाड़ी, बंगले, एयरक्राफ्ट किसी का भी इस्तेमाल चुनावों के लिए नहीं किया जा सकता।
  • कोई मंत्री भी चुनावी तारीखों के एेलान के बाद किसी नई योजना की शुरुआत नहीं कर सकते।
  • प्रत्याशी या राजनीतिक दल रैली, जुलूस या फिर मीटिंग के लिए इजाज़त लेनी होगी। अगर इलाके में कोई पाबंदी लगी हुई है तो उसके लिए अलग से इजाज़त मिलने के बाद ही कोई आयोजन किया जा सकेगा।
  • लाउड स्पीकर के इस्तेमाल के नियमों का भी पालन करना अनिवार्य होगा।
  • कोई भी पार्टी या प्रत्याशी किसी समुदाय के बीच तनाव बढ़ाने का काम  नहीं करेगा। वोट हासिल करने के लिए किसी भी स्थिति में जाति या धर्म का सहारा नहीं लिया जा सकता। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी इसपे आपत्ति दिखाई है।
  • धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान नहीं किया जाएगा।
  • मतदाताओं को किसी भी तरह से रिश्वत नहीं दी जा सकती। रिश्वत के बल पर वोट हासिल नहीं किए जा सकते।
  • किसी भी व्यक्ति के घर, ज़मीन, जायदाद का इस्तेमाल बिना इजाज़त चुनाव के लिए नहीं किया जाएगा।
  • नीतियों की आलोचना ज़रूर हो सकती है लेकिन किसी भी प्रत्याशी या पार्टी पर निजी हमले नहीं किए जा सकते।
  • पार्टियां सुनिश्चित करें कि उनके प्रत्याशी या कार्यकर्ता दूसरे लोगों की रैलियों या बैठकों में किसी तरह की कोई बाधा न पहुंचाएं।
  • वोटिंग के दिन मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में प्रचार नहीं किया जा सकता। मतदान के 48 घंटे पहले पब्लिक मीटिंग करने की मनाही है। मतदान केंद्रों पर वोटरों को लाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं करवा सकते।
  • किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें।

सत्ताधारी पार्टी के लिए क्या है दिशानिर्देश?

  • चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें… सभी सरकारें चुनाव आचार संहिता के दायरे में आएंगी।
  • किसी भी स्थिती में सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
  • सरकारी मशीनीरी का इस्तेमाल चुनावों के लिए नहीं होना चाहिए।
  • सरकारी गाड़ी या एयर क्राफ्ट का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
  • सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव मुहिम के दौरान नहीं किया जा सकता।
  • प्रचार के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं हो सकता।
  • सरकार, मंत्री या अधिकारी चुनाव के एलान के बाद अपने मंज़ूर किए गए धन या अनुदान के अलावा अपने विवेक से कोई नया आदेश नहीं दे सकते यानी सीधे शब्दों में कहें कोई नई योजना शुरू नहीं कर सकते।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *