शिमला: उपायुक्त शिमला रोहन चंद ठाकुर ने माननीय न्यायालय की अनुपालना करते हुए आज शिमला के मुख्य निजी स्कूलों से छात्रों को लाने व ले जाने संबधी व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि शिमला शहर के 18 निजी स्कूलों के 20559 स्कूली बच्चों द्वारा स्कूल आने-जाने के लिए विभिन्न वाहन माध्यमों का प्रयोग किया जाता हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 5 प्रतिशत छात्र एकल गाड़ी का प्रयोग करते हैं जबकि 37 प्रतिशत स्कूली छात्र पैदल व 58 प्रतिशत छात्र अन्य वाहनो के माध्यम से स्कूल आते हैं जिसमें सार्वजनिक वाहन, मैक्सी कैब आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों के तहत मोनाल पब्लिक स्कूल व डी.ए.वी.स्कूल संजौली में पैदल आने जाने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि हिमालयन इंटरनैशनल स्कूल छराबड़ा सरस्वती पैराडाईज इंटरनेैशनल स्कूल भटटा कुफर, मोनाल पब्लिक स्कूल संजौली डी.ए.वी.वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला, डी.ए.वी.स्कूल संजौली, सैक्रेट हार्ट कांवेंट ढली व स्वर्ण पब्लिक हाई स्कूल टुटीकंडी, स्कूलों द्वारा एकल वाहन प्रयोग कर स्कूल आने की प्रतिशतता सबसे कम है। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्कूलों की भौगोलिक स्थिति अवश्य अलग अलग है किन्तु यातायात को सुचारू बनाए रखने व जाम समस्या से निबटने के लिए हमें सांझा वाहन प्रयोग करना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने सभी स्कूल प्रबंधकों से इस संदर्भ में तुरंत प्रयास करने के निर्देश दिए।
उन्होंने एकल गाड़ी प्रयोग करने के स्थान पर अभिभावकों को सांझी गाड़ी (शेयर) कर आने-जाने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों के आने-जाने के दौरान ट्रेफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए स्कूली स्तर पर भी नियम व व्यवस्था बनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इस संदर्भ में स्कूल में अभिभावक व शिक्षक बैठक के दौरान अभिभावकों से इस सम्बन्ध में सुझाव व योजना बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसके निवारण के लिए स्कूली स्तर पर ट्रैफिक वार्डन नियुक्त किए जा सकते हैं। ट्रैफिक वार्डन कार्य के लिए अभिभावक, शिक्षक व वरिष्ठ छात्र स्वैच्छिक तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए आगे आएं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा स्कूल खुलने व बंद होने के समय ट्रैफिक पुलिस की समुचित व्यवस्था कर यातायात नियंत्रण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्कूलों को इस सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए है। उन्होंने शिक्षकों व अभिभावकों से समन्वय स्थापित कर इस समस्या से निबटने के लिए प्रशासन को सहयोग देने की अपील की।