- सारेगामापा लिटिल चैंप के दूसरे राउंड में पहुंची हिमाचल की पायल
शिमला: हुनर हो और मौका मिले तो आपको ऊंचाई छूने से कोई नहीं रोक सकता। लेकिन उससे बड़ी बात तो यह है कि हनुर हो और माता-पिता का साथ और आर्शीवाद हो तो आप बेशक कभी डगमगा नहीं सकते। जी हां, हम बात कर रहे हैं हिमाचल के कुल्लू जिले की 11 साल की पायल की। जिसकी गायकी ने आज न केवल जजों का दिल जीत लिया बल्कि उन लोगों को भी कर दिखाया है जो बेटी को बोझ समझते हैं कि अगर माता-पिता का बेटियों को साथ मिले तो वो भी अपनी पहचान बनाकर अपने माता-पिता का दुनिया में नाम रोशन कर सकती हैं। अमीरी गरीबी जैसे मुश्किलें उसके आड़े नहीं आ सकतीं। अपनी बेटी की प्रतिभा को निखारने के लिए कुल्लू में पायल के माता-पिता और मामा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। बेशक पिता पेशे से ओटो चलाते हैं और पायल के सपनों को अपनी आंखों में लेकर चल रहे हैं वे अपनी बेटी को किसी मायने में कम नहीं आंकते। यही वजह रही कि पायल के संगीत के शौक, उसकी संगीत के प्रति लगन और मेहनत को उसके माता-पिता और मामा ने समझा और उस लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
पायल की आंखों की रोशनी भले ही न हो लेकिन उसके परिवार का साथ और संगीत के प्रति उसकी लगन और मेहनत ने उसे जीटीवी पर प्रसारित होने वाले रिएलिटी शो के सारेगामापा लिटिल चैंप के दूसरे राउंड में पहुंचा दिया है। पायल ठाकुर के गाने को सुनकर वहां उपस्थित न केवल जज, ऑडियंस बल्कि घरों में देख रहे कार्यक्रम को दर्शकों के दिलों को भी नैनां.. जो सांझ ख्बाब देखते थे नैनां, बिछड़ कर रो दिए यूं नैनां.. के गीत ने उसकी गायकी की मधूर आवाज से सबके दिलों को छू लिया। हर एक आंख भर आई। उस पायल के लिए जो अपनी आखों से देख तो नहीं सकती लेकिन अपनी गायकी से सबके दिलों में घर करने के लिए अपनी मंजिल की तरफ उड़ान भर चुकी है। मां सुनीता और मामा के साथ सारेगामा के मंच पर पहुंचते ही पायल ने अपने इस गीत से सबका मनमोह लिया और दमदार एंट्री पाई। हिमाचल की इस बेटी को बहुत सी दुआएं और ढेरों शुभकामनाएं।