शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने सी.बी.आई. द्वारा प्रदेश उद्योग विभाग के ज्वाईंट डायरेक्टर को रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस प्रदेश का मुखिया भ्रष्टाचार के आरोपों पर जमानत पर चल रहा हो, वहां के कर्मचारियों का भ्रष्टाचार में संलिप्त होना प्रदेश सरकार की कार्यसंस्कृति का ही परिलक्षण है, परन्तु इस मामले में सबसे गंभीर पहलू यह है कि पकड़े गए कर्मचारी ने इस सारे मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय की संलिपत्ता के गंभीर आरोप लगाए हैं, उसके पश्चात से अब सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं रह गया है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पैसे लेकर सबसिडी रिलीज करना कांग्रेस सरकार की संस्कृति का द्योतक है। उद्योग की लगातार शिकायतें थी कि उन्हें सरेआम वर्तमान सरकार द्वारा लूटा जा रहा है। बावजूद इसके उद्योगपतियों की आवाजों को दबाया जा रहा था। एक के बाद एक करके उद्योगपति प्रदेश छोड़ कर जा रहे हैं। पिछले चार वर्षों में कोई नया उद्योग हिमाचल प्रदेश में नहीं लगा, इसकी वजह मंत्रियों और अधिकारियों की सरेआम लूट थी। ऊना और पंडोगा में जमीने खाली और बिजली पर सबसिडी दिए जाने के बावजूद कोई उद्योगपति प्रदेश का रूख नहीं कर रहा था। इसका मुख्य कारण कांग्रेस की भ्रष्ट संस्कृति रही है। ज्वांईट डायरेक्टर तो केवल एक मोहरा है। ज्वाईंट डायरेक्टर की स्वीकृति के पश्चात यह स्पष्ट हो गया है कि इसकी जड़ में मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी संलिप्त है। इतने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को संरक्षण मिलने के पश्चात भाजपा के आरोपों की भी पुष्टि हो गई है।