शिमला: आरोग्य मेले के तहत आयुष पद्धति अर्थात आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी, सोवा रिक्पा (तिब्बतियन), योग व प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से लोगों को स्वरस्थ्य प्रदान करने के लिए जांच कार्य किया जाएगा। यह जानकारी आज निदेशक आयुर्वेद विभाग डॉ. आर के पुरथी ने दी।
उन्होंने बताया कि 26 से 28 नवम्बर, 2016 तक ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित इस मेले में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा रोगियों को प्राकृतिक तरीके से स्वास्थ्य प्राप्त करने के संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी। स्वास्थ्य के संरक्षण के प्रति औषध रहित जीवन शैली के प्रबंधन के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा जांच के उपरांत रोगियों को निःशुल्क दवाईयां भी दी जाएंगी। आयुष मंत्रालय के आयुष विभाग द्वारा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर प्रदत विषय मधुमय पर विशेष चिकित्सा क्लीनिक लगाया जा रहा है, जिसमें मधुमय रोगियों को आहार व व्यवहार के प्रति जागृत किया जाएगा। विशेष क्लीनिक के तहत जरावस्था (वृद्धावस्था) में होने वाले रोग व मधुमय के बारे में भी विशेष जानकारी प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि 27 व 28 नवम्बर को प्रातः 7:30 से 8 बजे तक योगाभ्यास कार्यक्रम होगा, जिसमें इच्छुक व्यक्ति भाग ले सकते हैं। योगाभ्यास के लिए इच्छुक लोगों को अपना आसन स्वयं लाना होगा। मेले के दौरान हिमाचल में स्थापित औषध उद्योगों द्वारा रियायती दर पर औषधि व सौंदर्य प्रसाधन भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अन्य आयुष उद्योगों द्वारा अपने उत्पादों की प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी। प्रदेश सरकार के स्टेट मेडिकल प्लांट बोर्ड द्वारा औषध पौधों की प्रदर्शनी, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा आयुष ग्राम भी प्रदर्शित किया जाएगा। गेयटी थियेटर में आयुष के विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा कार्यशाला के माध्यम से व्याख्यान प्रस्तुत कर जानकारी प्रदान की जाएगी। विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्वस्थ आहार के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से स्टॉल भी लगाए जाएंगे।
उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में मेले में सम्मिलित होकर इसका लाभ व अपनी जीवनशैली में सुधार लाकर स्वास्थ्य प्राप्त करने की अपील की।