सेना के अधीन रहेगा अनाडेल मैदानः मुख्यमंत्री

  • राज्य सरकार ऊना और बिलासपुर में सेना स्टेशन स्थापित करने में सेना को करेगी सहायता
  • मुख्यमंत्री द्वारा किन्नौर जिले में गोलाबारूद स्थल के लिए भूमि प्रदान करने का आश्वासन

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज चंडीगढ़ स्थित पश्चिमी कमान में आयोजित सिविल मिलिट्री लायज़न कांफ्रेस के अवसर पर कहा कि रणनीतिक उद्देश्यों तथा आपदा राहत और प्रबन्धन के अभ्यासों के लिए उचित एवं खुले स्थान की दृष्टि से शिमला स्थित अनाडेल मैदान को सेना के अधीन रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की ‘खेल और चालों’ के लिए अनदेखा नहीं की जा सकती है, क्योंकि क्रिकेट मैदान और स्टेडियम का प्रस्ताव इस मैदान की हरियाली को नष्ट कर देगा तथा यह एक कंकरीट के जंगल में तबदील हो जाएगा। वैसे भी यह मैदान द्वितीय विश्व युद्ध के बाद रणनीतिक दृष्टि को ध्यान में रखते हुए सेना को प्रदान किया गया था और केवल यही एक स्थान है जहां आपातकालीन स्थिति में हेलीकाॅप्टर उतारे जा सकते हैं, इसलिए यह मैदान सेना अभ्यासों के उददेश्यों के लिए सेना के पास ही रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और रक्षा सेवाओं को मददेनजर रखते हुए इस मैदान की महत्वता से भलि भांति परिचित है और इसलिए राष्ट्र के हित में इसे सेना को दिया गया था।

पूर्व में इस मैदान को हथियाने के कई असफल प्रयास किए गए, लेकिन हम यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हालांकि सरकारें बदलती रहती हैं पर इस मैदान का अधिकार उचित देखभाल के लिए सदा सेना के पास ही रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उददेश्य को सुनिश्चित बनाने के लिए इस मैदान के आसपास किसी भी प्रकार की ऊंची ईमारतों का निर्माण नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने राष्ट्र की सेना में सराहनीय योगदान दिया है और प्रदेश को एक ऐसे राज्य के रूप में देखा जाता है जहां हर घर से एक व्यक्ति सेना या अर्ध-सैन्य बल में सेवाएं प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कार्यरत तथा सेवानिवृत सैनिक और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सेना द्वारा ऊना तथा बिलासपुर जिलों के साथ लगती भूमि पर मिलिटरी स्टेशनों को स्थापित करने में विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के प्रयासों में पूरा सहयोग देगी, क्योंकि यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से जनहित में है। सरकार विभिन्न स्तरों पर इन प्रमाण पत्रों को लेने के अलावा अन्य मंजूरियों को प्राप्त करने में भी सेना को पूर्ण सहयोग देगी।

बिलासपुर में कुछ एकड़ भूमि के अलावा ऊना जिले में 1053.46 एकड़ भूमि को इस उददेश्य के लिए चिन्हित किया गया है। बिलासपुर के उपायुक्त ने वन भूमि के हस्तांतरण के लिए वन मंजूरी (एफसीए) में आवश्यक प्रमाण पत्र भी सौंप दिए हैं। इस अवसर पर ऊना में केंटनी स्टोर डिमार्टमेंट (सीएसडी) डिपो स्थापित करने के मामले पर भी चर्चा की गई और सरकार सेना अधिकारियों से इस मामले को तेजी से सेना मुख्यालय के समक्ष उठाने का आग्रह किया।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री का सेना के पश्चिमी कमान के कमांडर ले. जनरल सुरिन्द्र सिंह ने गर्मजोशी से स्वागत किया। ले. जनरल ने कहा कि सेना के सेवानिवृत सैनिकों के कल्याण के लिए सूचीगत स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा देखभाल की सुविधा घरद्वार पर सुनिश्चित बनाने के लिए और सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमाक्षेत्रों के समीप और अधिक सेना की तैनाती की प्रतिबद्धता को पूर्ण करने के लिए रणनीतिक दृष्टि को ध्यान में रखते हुए इन क्षेत्रों में अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है। उन्होंने लंबे समय से अतिक्रमित या नागरिक अधिकारियों द्वारा कब्जे में रखी गई भूमि मामलों को शीघ्र सुलझाने का मामला भी उठाया। उन्होंने इसके एवज़ में किसी ओर स्थान पर भूमि प्रदान करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि ऊना में सीएसडी का मामला सेना मुख्यालयों में फिर से उठाया जाएगा ताकि इसे निकटतम भविष्य में स्थापित किया जा सके।

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