- केन्द्र सरकार ने चालू रबी सीजन में किसानों के हितों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न निर्णय लिये
नई दिल्ली: 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों के चलन को निरस्त करने के बाद केन्द्र सरकार ने समाज के विभिन्न तबकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अनेक उपायों की घोषणा की है। एपीएमसी बाजार/मंडियों में किसानों और पंजीकृत व्यापारियों के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा नकदी की निकासी सीमा, फसल बीमा प्रीमियम के भुगतान के लिए समय सीमा बढ़ाना,चुनिंदा सरकारी केन्द्रों इत्यादि से 500 रुपये के पुराने बैंक नोटों से बीजों की खरीद की अनुमति जैसे विशेष उपायों की घोषणा पहले ही किसानों के हित में की जा चुकी है। बैंकों की ग्रामीण शाखाओं और 1.55 लाख डाकघरों में नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये गये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा नकदी सीमा के साथ बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट के नेटवर्क को सक्रिय कर दिया गया है।
इस मामले में आगे समीक्षा करने के बाद सरकार ने चालू रबी सीजन में किसानों के हितों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कुछ विशेष निर्णय लिये हैं। ये निर्णय परिचालनगत उपायों के रूप में हैं, जिनका उल्लेख नीचे किया गया है :
- नाबार्ड ने रबी सीजन में कृषि संबंधी कार्यकलापों के लिए राज्य सहकारी बैंकों के जरिये जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को 21,000 करोड़ रुपये की सीमा उपलब्ध कराई है। इससे डीसीसीबी को प्राथमिक कृषि सहकारी सोसायटी (पीएसीएस) के नेटवर्क के जरिये किसानों के लिए फसल ऋणों को मंजूरी देने एवं इनका वितरण करने में सहूलियत होगी। इससे 40 फीसदी से भी ज्यादा ऐसे छोटे एवं सीमांत किसान लाभान्वित होंगे, जो संस्थागत कर्ज/फसल ऋण लेते रहे हैं। यही नहीं, आवश्यकता के मुताबिक नाबार्ड द्वारा अतिरिक्त सीमाएं सुलभ कराई जाएंगी।
- आरबीआई और बैंकों को डीसीसीबी में आवश्यक नकदी उपलब्ध कराने की सलाह दी गई है। इससे चालू रबी सीजन के दौरान विशेषकर बुवाई एवं अन्य कृषि कार्यों के लिए किसानों को ऋणों का त्वरित एवं निर्बाध प्रवाह के साथ-साथ आवश्यक नकदी भी सुनिश्चित होगी।
- छोटे कर्जदारों (अर्थात् एक करोड़ रुपये तक के कर्ज लेने वाले लोग) को राहत देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक बकाया रकम के पुनर्भुगतान के लिए 60 दिनों का अतिरिक्त समय देने का निर्णय पहले ही ले चुका है।