शिमला : हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के अध्यक्षों तथा सचिवों को नोट बदलने के लिए फार्म भरने में आम जनता की सहायता के लिए पैरा लीगल वालन्टियर तैनात करने के निर्देश दिए हैं। ये वालन्टियर लोगों को उनके अधिकारों तथा बैंकों से पैसे निकालने अथवा जमा करने की प्रक्रिया को पूरा करने के अलावा 500 व 1000 रुपये के विमुद्रीकृत नोट बदलने के बारे में जानकारी देंगे।
हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव यशवन्त सिंह चोगल ने आज यहां कहा कि यह निर्णय आम जनमानस की सहायता के लिए हि.प्र. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस मंसूर अहमद मीर, जो राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संरक्षक भी हैं तथा जस्टिस संजय करोल, जो प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, के दिशा-निर्देशानुसार लिया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की विमुद्रीकरण योजना से बैंकों में लम्बी लाईनें लग रही हैं और इस दौरान आम जनमानस को नोट बदलने के फार्म को भरने की प्रक्रिया, पैसा निकालने की सीमा अथवा अन्य वैधिक औपचारिकताओं की जानकारी नहीं होती है। कुछ लोग झूठ का सहारा लेकर दूसरों के खाते में पैसा जमा करवाकर योजना का दुरुपयेग कर रहे हैं, जो दण्डात्मक परिणामों को आमंत्रित कर सकता है। इसलिए प्राधिकरण ने जनमानस के लिए सार्थक विधिक सेवाएं प्रदान करने के लिए पैरा लीगल वालन्टियर्स तैनात करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि पैरा लीगल वालन्टियर्स को बैंक आने वाले लोगों की सहायता के लिए बैंकों के बाहर सहायता डैस्क लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। ये वालन्टियर्स लोगों को दूसरों की ओर से लेन-देन करने के विधिक प्रभावों के बारे में भी सचेत करेंगे। इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सहायता डैस्क स्थापित करने के लिए बैंक स्टाफ, प्रशासन तथा पुलिस कर्मियों से ताल-मेल करेंगे। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला के नाहन में सहायता डैस्कों के माध्यम से गत सोमवार को अनेकों लोग लाभान्वित हुए। चोगल ने कहा कि लोग पैसे निकालने अथवा बदलने में आ रही किसी भी प्रकार की कठिनाई के लिए प्राधिकरण से दूरभाष नम्बर-0177-2623862, 2626862, 2624862 और राष्ट्रीय टॉल फ्री नम्बर-15100 (हैल्पलाईन नम्बर-9418033385) पर सलाह प्राप्त कर सकते हैं।