सभी नेशनल हाइवे की DPR में Soil Stabilization, Land Protection Wall, Zeo Static और Slope Stabilization टेक्नोलॉजी सम्मिलित करने का आदेश

नड्डा ने किया प्रधानमंत्री के नोटबंदी के निर्णय का स्‍वागत, कि सरकार को सहयोग देने की नागरिकों से अपील

राष्‍ट्र निर्माण की इस प्रक्रिया में सरकार को सहयोग देने हेतु नागरिकों से अपील

नई दिल्‍ली : जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय एवं स्‍वास्‍थ्‍य परिवार कल्‍याण मंत्री ने आज यहां प्रधानमंत्री के नोटबंदी के निर्णय का स्‍वागत किया। इसे ऐतिहासिक बताते हुए नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जाली भारतीय नोटों (एफआईसीएन) के जरिए सीमा पार से आतंकवाद को वित्‍त-पोषित करने पर एक ही झटके में कड़ा प्रहार किया है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि इस निर्णय से न केवल काले धन पर रोक लगेगी बल्‍कि जासूसी, हथियारों, नशीली दवाओं और अन्‍य प्रतिबंधित पदार्थों की तस्‍करी जैसे विघटनकारी क्रियाकलापों पर नकेल लगेगी। नड्डा ने यह भी कहा कि यह कदम काला धन, जो कि हमारी अर्थव्‍यवस्‍था की समानान्‍तर अर्थव्यवस्‍था के रूप में चल रहा है, का खात्‍मा हो जाएगा।

इस निर्णय की सराहना करते हुए नड्डा ने कहा कि आम आदमी असली और जाली नोट के बीच अंतर नहीं कर पाता है। एफआईसीएन के चलन से आतंकवाद और नशीली दवाओं की तस्‍करी के लिए धन उपलब्‍ध कराने में सुविधा होती है। समय-समय पर प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई नकदी की वसूली से स्‍पष्‍ट हुआ है कि काला धन रखने के लिए बड़ी राशि के नोटों का उपयोग किया जाता है। यह विदित है कि बड़ी राशि के नोटों से काले धन के सृजन में सहूलियत होती है। इस संबंध में यह उल्‍लेखनीय है कि हालांकि वर्ष 2011 और 2016 के मध्‍य बैंक के नोटों की संख्‍या के चलन में 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई थी, फिर भी इस अवधि के दौरान 500/- रुपए के मूल्‍य के नोटों की संख्‍या में 76 प्रतिशत और 1000/- रुपए के मूल्‍य के नोटों में 109 प्रतिशत तक वृद्धि हुई। 10 नवंबर, 2016 से 500/- रुपए और 2000/- रुपए के मूल्‍य के बैंक नोटों की नई श्रृखंला का चलन शुरु किया जाएगा। 2000/- रुपए के बैंक नोट के प्रवाह पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निगरानी रखी जाएगी और इन्‍हें विनियमित किया जाएगा। नई श्रृंखला वाले बैंक नोटों को चलन में लाने की योजना बनाई गई है जो मौजूदा नोटों से डिजाइन, आकार, रंग तथा दिखने में बिल्‍कुल अलग होंगे।

विश्‍व बैंक ने जुलाई, 2010 में अनुमान लगाया था कि भारत की छद्म अर्थव्‍यवस्‍था का आकार वर्ष 1999 में जीडीपी के 20.7 प्रतिशत था जो वर्ष 2007 में बढ़कर 23.2 प्रतिशत हो गया। ऐसे ही अनुमान अन्‍य भारतीय और अंतर्राष्‍ट्रीय एजेंसियों द्वारा लगाए गए हैं। समानांतर छद्म अर्थव्‍यवस्‍था देश की अर्थव्‍यवस्‍था के महत्‍पपूर्ण ढांचे को खोखला कर देती है। इससे महंगाई बढ़ती है जिसका सबसे ज्‍यादा असर गरीबों तथा मध्‍यम वर्गीय परिवारों पर पड़ता है। इसकी वजह से सरकार अपने वैध राजस्‍व से वंचित रह जाती है, जिसका अन्‍यथा उपयोग कल्‍याण तथा विकासमूलक कार्यों के लिए किया जा सकता है।

पिछले दो वर्षों में सरकार ने अर्थव्‍यवस्‍था में काले धन की समस्‍या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन; विदेशी आय और संपत्तियों का खुलासा करने से संबंधित कानून लागू करना; भारत और मारीशस तथा भारत और साइप्रस के बीच दोहरे कराधान से बचने संबंधी समझौते में संशोधन करना; एचएसबीसी में भारतीयों के बैंक खातों से संबंधित सूचना प्राप्‍त करने के लिए स्‍विट्जरलैंड के साथ समझौता करना; नकदी विहीन तथा डिजीटल भुगतान को बढ़ावा देना; बेनामी हस्‍तांतरण अधिनियम में संशोधन करना तथा आय की घोषणा योजना 2016 को कार्यान्वित करना शामिल है।

=नड्डा ने नागरिकों से धैर्य रखने और सरकार में विश्‍वास बनाये रखने तथा राष्‍ट्र निर्माण की इस प्रक्रिया में योगदान देने का अनुरोध किया है। उन्‍होंने उल्‍लेख किया कि इस ऐतिहासिक रणनीति‍ से देश की अर्थव्‍यवस्‍था सुदृढ़ होगी तथा हमारा देश विश्‍व के अग्रणी देशों में शामिल हो जायेगा।

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