राज्य पुलिस बल में शीघ्र शामिल होंगे 1500 कांस्टेबलः वीरभद्र सिंह

  • मुख्यमंत्री ने धर्मशाला में वार्षिक राज्य पुलिस खेलों एवं डियूटी मीट की अध्यक्षता की
  • पुलिस स्टेशनों के नियमित रखरखाव के निर्देश

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज धर्मशाला में राज्य पुलिस की 49वीं वार्षिक राज्य खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं डयूटी मीट की अध्यक्षता करते हुए कहा कि खेल-कूद गतिविधियां लोगों एवं संस्थानों को एक साथ लाती हैं, समानता को उजागर करती है तथा संस्कृति एवं एक दूसरे को जोड़ने में कड़ी का कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि खेलें लोगों को एक दूसरे के समीप लाने, उनकी ताकत को बनाए रखने तथा संकल्प को सफल बनाने की मजबूती प्रदान करने का एक सुगम एवं निहित साधन है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलें अनुशासन, आत्मविश्वास तथा नेतृत्व जैसे कौशल सुधार के लिए एक मंच प्रदान करती हैं तथा स्वीकार्यता, सहयोग के साथ-साथ प्रयासों के महत्व के प्रतिपादन तथा प्रतिभागियों को विजय एवं अपराजय के बारे में जानकारी जैसे सिद्धांतों को मजबूत बनाती है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि खेलों के माध्यम से सीखे गए जीवन कौशल व्यक्ति को निजी तौर पर सशक्त बनाने में मददगार होते हैं तथा खेलें आत्म सम्मान एवं दूसरों से जुड़ना जैसे मनो-सामाजिक प्रवृतियों को बढ़ाने में सहायक होती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी प्रतिस्पर्धाएं प्रतिभागियों के मध्य एकस्व की भावना उत्पन्न करती हैं तथा व्यक्ति में जीवन में आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा को गति प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को उनके मानसिक एवं शारीरिक क्षमता का पुनःआकलन करने की निरन्तर आवश्यकता रहती है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं पुलिस कर्मियों की शारीरिक क्षमता, मानसिक सजगता तथा संकटकालीन परिस्थितियों का मुकाबला करने और लोगों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करने में मदद करती हैं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष 1500 कांस्टेबलों की भर्ती की है और वह शीघ्र ही पुलिस बल में शामिल होंगे, जो अभी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

उन्होंने विभिन्न खेल, सांस्कृतिक एवं डियूटी अनुशासन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। उन्होंने कहा कि इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले 500 खिलाड़ियों में अनेक खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय खेल मुकाबलों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित बनाकर राज्य का गौरव बढ़ाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रतियोगिता निश्चित तौर पर शारीरिक एवं मानसिक तौर पर धैर्य परीक्षा है और वह सभी टीमों के विजेताओं को बधाई देते हैं, जिन्होंने धैर्य एवं दृढ़ संकल्प के लिए इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पुलिस राज्य सरकार में व्यावसायिक तौर पर पूरी तरह स्वतंत्र है तथा हमेशा ही चुनौतियों से निपटने में सक्षम रही है, जो एक गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की खेल प्रतियोगिताएं हर वर्ष आयोजित की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने दक्षिणी रेंज, उत्तरी रेंज, केन्द्रीय इकाई और आरक्षित बटालियनों के पुरूषों और महिलाओं की पुलिस टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत भव्य मार्च पास्ट की सलामी ली।

वीरभद्र सिंह ने पुलिस आवासों के साथ पुलिस स्टेशनज और पुलिस पोस्टस के नियमित रख-रखाव के निर्देश दिए और बैरकों के रख-रखाव के लिए 25 लाख रुपये की राशि के साथ कांगड़ा जिले के पुलिस थाने के आवासीय परिसरों के रख-रखाव के लिए 30 लाख रुपये की राशि की घोषणा की। उन्होंने चारदीवारी के लिए 20 लाख रुपये, धर्मशाला की सकोह बटालियन के बैरक की मुरम्मत के लिए 20 लाख रुपये की राशि तथा द्वितीय आईआरबी सकोह के आवासीय मकानों की मुरम्मत के लिए 25 लाख रुपये की घोषणाएं की। उन्होंने धर्मशाला के पुलिस मैदान और कला केन्द्र के लिए 60 लाख रुपये की राशि की घोषणा की। उन्होंने धर्मशाला के पुलिस मैदान के आस-पास किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी किए जाएंगे।

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