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राज्य भाजपा के भीतर प्रधानता को लेकर चल रही अंतरकलह, राज्य की राजनीति पर नड्डा की नज़र : कौल, अग्निहोत्री व शांडिल

कांग्रेसी मंत्रियों ने की नड्डा द्वारा वीरभद्र सिंह से इस्तीफा देने के ब्यान की कड़ी आलोचना

कहा, राज्य सरकार ने वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में अनेक मील के पत्थर किये हैं स्थापित

शिमला : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ठाकुर, उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा द्वारा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से इस्तीफा देने के ब्यान की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह सर्वाधिक लोकप्रिय नेता है और हिमाचल प्रदेश में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने नड्डा के कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित बयान को तथ्यविहीन, गुमराह करने वाला तथा राजनीति से प्रेरित करार दिया है, जो स्पष्ट रूप से भाजपा की सत्ता के लिये लालसा तथा हिमाचल प्रदेश में लोकतांत्रितक ढंग से चुनी हुई लोकप्रिय सरकार को अस्थिर करने की मंशा को प्रदर्शित करता है।

उन्होंने कहा कि राज्य भाजपा के भीतर प्रधानता को लेकर अंतरकलह चल रही है और नड्डा की राज्य राजनीति पर नज़र है। वह राज्य की राजनीति में बने रहने के लिये इस प्रकार की गुमराह करने वाली बयानबाजी कर रहे हैं तथा स्वयं को राज्य की बेहतरी के लिये नहीं, बल्कि निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिये प्रस्तुत कर रहे हैं। मंत्रियों ने कहा कि केन्द्र द्वारा राज्य के लिये 61 नई राष्ट्रीय उच्च मार्ग परियोजनाएं देने का भाजपा का दावा मात्र राजनीतिक घोषणा हैं क्योंकि अभी तक राज्य सरकार को केन्द्र से इन परियोजनाओं के लिये एक भी पैसा प्राप्त नहीं हुआ है। यहां तक कि इन परियोजनाओं की डीपीआर तैयार करने के लिये राज्य सरकार का 170 करोड़ रुपये की राशि का प्राक्कलन भी केन्द्र ने अभी तक स्वीकृत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सभी लोग भली-भांति परिचित हैं कि भाजपा के कुछ नेता राजनीतिक उद्देश्यों के चलते राज्य की विकास परियोजनाओं में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की आलोचना करते हुए ठाकुर, अग्निहोत्री तथा डा. शांडिल ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्य की सहायता करने के बजाए नड्डा अनावश्यक हो-हल्ला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लिये हमीरपुर, चम्बा तथा सिरमौर में तीन नये मेडिकल कालेज केन्द्र में तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा प्रत्येक को 190 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान सहित स्वीकृत किए गए थे तथा भाजपा नेता अनावश्यक ही इसका श्रेय लेने की कोशिश में लगे हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से इन तीनों कालेजों की कुल 570 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि को एकमुश्त जारी करने को कहा है। हालांकि, सिरमौर में मेडिकल कालेज ने पहले ही कार्य करना आरम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मेडिकल कालेज हमीरपुर के लिये पहले ही भूमि का चयन कर इसका नक्शा इत्यादि तैयार करने के उपरांत इसे स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दिया है। वनभूमि होने के कारण राज्य सरकार ने मामला केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को स्वीकृति हेतु भेजा है, लेकिन अभी तक स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। अतः विलम्ब केन्द्र सरकार के स्तर पर है। इसी प्रकार, राज्य सरकार ने बिलासपुर जिला में एम्स् की स्थापना के लिये 650 बीघा भूमि का चयन कर इसे स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दिया है और अब देरी केवल केन्द्र सरकार स्तर पर है।

मंत्रियों ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही मेडिकल कालेज हमीरपुर को अपने हिस्से की राशि प्रदान कर दी है तथा निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने के साथ-साथ कालेज के लिये आवश्यक पद भी स्वीकृत कर लिये हैं। इसी प्रकार, राज्य सरकार ने आईजीएमसी तथा टांडा मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों में सुपर स्पैशियलिटि सेवाएं प्रदान करना आरंभ कर दी हैं। आईजीएमसी का एक नया परिसर शिमला के समीप चमियाणा में बनाया जाएगा, जिसके लिये पहले ही 250 बीघा भूमि का चयन किया जा चुका है।

ठाकुर, अग्निहोत्री तथा डॉ. शांडिल ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से जुड़े आयकर रिटर्न के एकमात्र मामले में वीरभद्र सिंह को परेशान एवं अपमानित करने के लिये भाजपा के इशारे पर केन्द्र की तीन प्रमुख ऐजेन्सियां जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि मामला विचाराधीन है तथा विभिन्न आयकर अपीलीय प्राधिकरण एवं न्यायालयों में लंबित है। उन्होंने नड्डा द्वारा पहले ही खयाली निष्कर्ष पर पहुंचने की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा को न्यायिक प्रक्र्रिया तथा माननीय न्यायालयों के फैसले का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा अनुचित आरोप लगाकर उनके विरूद्ध मीडिया सनसनी उत्पन्न करने की कोशिश कर रही है। मंत्रियों ने कहा कि राज्य सरकार पर दोषारोपण करने के बजाए नड्डा को राज्य के लिये इसका बाजिव हिस्सा दिलवाने में सहायता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की विभिन्न मांगों से संबंधित 12 सूत्रीय ज्ञापन केन्द्र को सौंपा है, जिसमें पारिस्थितिकी सेवाओं के लिये वार्षिक 1000 करोड़ रुपये का प्रतिपूरक अनुदान, पंजाब तथा हरियाणा से 3997 करोड़ रुपये के ऊर्जा एरियर दावे तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में नेट मौजूदा मूल्य की अदायगी इत्यादि शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में अनेक मील पत्थर स्थापित किये हैं तथा प्रदेश अभूतपूर्व विकास की ओर अग्रसर है। मंत्रियों ने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा ही राज्य के लोगों के कल्याण को प्राथमिकता दी है तथा सरकार इसके लिये पहले दिन से ही अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभ्रद सिंह ने सदैव ही नैतिकता एवं चरित्र के उच्च आदर्शों को कायम रखा है। उनकी बेमिसाल लोकप्रियता एवं विश्वसनीयता का इस बात से पता चलता है कि वह लगातार 54 वर्षों से जनसेवा में हैं तथा छः बार राज्य के मुख्यमंत्री व तीन बार केन्द्रीय मंत्री रहे हैं। उनके त्यागपत्र का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में आगामी चुनावों में भी विजय प्राप्त करेगी और पुनः सरकार बनाएगी।

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