राज्यपाल के भविष्य में अवैध निर्माण रोकने के निर्देश, सभी भवन जों नियमतिकरण हेतु आएंगे उन सभी का करवाया जायेगा संरचनात्मक परीक्षण : सुधीर शर्मा

  • विभाग हि.प्र. उच्च न्यायालय के आदेशों की नहीं कर रहा अवहेलना : नगर एवं ग्राम योजना मंत्री
  • भविष्य में लोग नियमानुसार ही करें निर्माण, विभाग ने आनॅनलाईन एप्लिकेशन, ट्रैकिंग,बिजली व पानी के अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु किये हैं प्रावधान
हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना (संशोधन) विधेयक, 2016 पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत के साथ आज की गई विस्तृत चर्चा।

हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना (संशोधन) विधेयक, 2016 पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत के साथ आज की गई विस्तृत चर्चा ।

शिमला: हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना (संशोधन) विधेयक, 2016 पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत के साथ आज विस्तृत चर्चा की गई। इस चर्चा में नगर एवं ग्राम योजना मंत्री सुधीर शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (नगर एवं ग्राम योजना) मनीषा नंदा, निदेशक नगर एवं ग्राम योजना विभाग संदीप कुमार, नगर एवं ग्राम योजनाकार सतीश शर्मा (मुख्यालय) ने भाग लिया।

चर्चा के दौरान राज्यपाल ने नगर एवं ग्राम योजना (संशोधन) विधेयक, 2016 के बारे में परामर्श दिया कि अधिकारी वर्ग यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में अवैध निर्माण न हो क्योंकि भूकम्प की दृष्टि से हमारा राज्य संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि बहुमंजिला इमारतें जो भूकम्प की दृष्टि तथा संरचनात्मकता से असुरक्षित हैं, उनका संरचनात्मक परीक्षण करना अनिवार्य है। उन्होने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर अवैध निर्माणों को नियमित न करने  वाले आदेशों का संज्ञान लेने को कहा।

इन सभी विषयों पर नगर एवं ग्राम योजना मंत्री ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि जहां तक हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों की बात है विभाग उनकी अवहेलना नहीं कर रहा है। उच्च न्यायालय ने रिटेंशन पॉलिसी न लाने की बात की है जबकि विभाग ने हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम में संशोधन द्वारा डेवियेशनस को नियमित करने के लिए विधेयक प्रस्तुत किया है और ये एक वर्ष तक ही लागू रहेगा। उन्होंने अवगत करवाया कि तमिलनाडु प्रदेश द्वारा इसी तरह के विधेयक पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश तथा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों का हिमाचल प्रदेश सरकार के विधि विभाग ने अवलोकन किया है तदोपश्चात् ही यह संशोधन लाया गया है।   

मंत्री ने आगे बताया कि कोई भी संरचनात्मकता से असुरक्षित भवन, ऐसे भवन जिनका सरकारी तथा अन्य की भूमि पर निर्माण किया गया है को नियमित नहीं किया जाएगा। सभी भवन जों नियमतिकरण हेतु आएंगे उन सभी का संरचनात्मक परीक्षण करवाया जायेगा, जिसके लिए विभाग ने संरचना से जुड़े अभियन्ताओं तथा इससे सम्बन्धित संस्थाओं को पंजीकृत करना शुरू किया है।

मंत्री ने राज्यपाल को यह भी विश्वास दिलाया कि भविष्य में लोग नियमानुसार ही निर्माण करें इसके लिए विभाग ने आनॅनलाईन एप्लिकेशन, ऑनेलाईन ट्रैकिंग तथा बिजली एवं पानी के अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु प्रावधान कर लिए हैं। इसके अतिरिक्त विभाग ने निज़ी व्यवसायिकों की देखरेख में निर्माण कार्य करने तथा अनुमति प्रदान करने हेतु नीति बनाई है जिसे सरकार ने अनुमोदित कर दिया है।

  • राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना (संशोधन) विधेयक, 2016 पर शीघ्र निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।

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