- एसजेवीएन करेगा प्रत्येक संस्था के लिए एक करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान
- प्रधान सचिव ने की एसजेवीएन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आईटीआई संस्थाओं को अंगीकृत करने की सराहना
- प्रशिक्षुओं को वृत्तिका सहित दी जाएगी पूरी वित्तीय मदद : नन्द लाल शर्मा
शिमला : एसजेवीएन ने निदेशालय (तकनीकी शिक्षा) व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण
हिमाचल प्रदेश, सुन्दरनगर के साथ एक अनुबंध किया है। अनुबंध पर डी.पी. कौशल अपर महाप्रबंधक (का.एवं प्रशा.), एसजेवीएन लिमिटेड और राजेश्वर गोयल निदेशक, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण, हिमाचल प्रदेश, सुन्दरनगर ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संजय गुप्ता, प्रधान सचिव तथा निदेशक (कार्मिक) नन्द लाल शर्मा, सह-अध्यक्ष,एसजेवीएन फाऊंडेशन उपस्थित थे।
एमओयू के अनुसार एसजेवीएन द्वारा परियोजना क्षेत्रों के ईर्द-गिर्द स्थित 6 सरकारी आईटीआई संस्थाओं नामतः गवर्नमेंट आईटीआई रामपुर बुशैहर, आईटीआई खधान, गवर्नमेंट आईटीआई कुमारसैन एवं शिमला जिले की गवर्नमेंट आईटीआई नैनीधार तथा गवर्नमेंट आईटीआई निरमंड एवं कुल्लू जिले की गवर्नमेंट आईटीआई दलाश के उन्नयन के लिए 6 करोड़ रुपए (प्रत्येक के लिए 1 करोड़ रुपए) की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। प्रत्येक आईटीआई के लिए सांस्थानिक विकास योजना आईटीआई की जरूरत के अनुसार तैयार की जाएगी। जिसमें आधुनिक क्लास रूम, पुस्तकालय,वर्कशॉप, मशीनरी एवं उपस्कर, नई विधाओं की शुरूआत करना आदि शामिल हैं जिससे उद्योगगत गुणवत्तापरक प्रौद्योगिकीय मांग सुधरेगी और ज्ञान उपलब्धता का विस्तार होगा। वास्तविक क्रियान्वयन का प्रबंधन एसजेवीएन तथा शिक्षा विभाग से युक्त सदस्यों की संस्था प्रबंधन समिति (आईएमसी) द्वारा किया जाएगा।
संजय गुप्ता, प्रधान सचिव, हिमाचल प्रदेश सरकार ने एसजेवीएन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आईटीआई संस्थाओं को अंगीकृत करने की सराहना करते हुए कहा कि एसजेवीएन के इन प्रयासों से दक्ष मैनपावर की जरूरतें पूरी करने में निर्णायक रूप से सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर एसजेवीएन फाऊंडेशन के अध्यक्ष व निदेशक (कार्मिक) नन्द लाल शर्मा ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान 500 स्थानीय युवाओं को लघु अवधि दक्षता विकास प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा विभाग का सहयोग और समर्थन अपेक्षित होगा। उन्होंने यकीन दिलाया कि प्रशिक्षुओं को वृत्तिका सहित पूरी वित्तीय मदद दी जाएगी। हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन 6 क्षेत्रों नामतः स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, शिक्षा एवं दक्षता विकास,सततशील विकास, अधोसंरचना एवं सामुदायिक विकास, प्राकृतिक आपदा के दौरान सहायता, संस्कृति एवं खेलों को बढ़ावा देने में अपनी सीएसआर एवं सततशीलता परियोजनाएं चलाता है।
- पिछले 5 साल के दौरान 2400 से अधिक युवाओं को किया जा चुका है प्रशिक्षित
- 120 स्वास्थ्य शिविरों से लगभग 30,000 रोगी उठा चुके हैं लाभ
पिछले 5 साल के दौरान 2400 से अधिक स्थानीय युवाओं को वेल्डर, इलेक्ट्रिशियन, स्थल लेखाकार, कटिंग एवं टेलरिंग, आतिथ्य, बेड साईज परिचर इत्यादि विभिन्न व्यावसायिक विधाओं में प्रशिक्षित किया जा चुका है। स्वास्थ्य क्षेत्र की बात की जाए तो एसजेवीएन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार एवं अरुणाचल प्रदेश में 14 मोबाईल हैल्थ वैनों का प्रचालन कर रहा है , जिनसे 3 लाख से अधिक रोगी लाभान्वित हो चुके हैं। इसके अलावा आयोजित किए गए 120 हैल्थ कैंपों से लगभग 30,000 रोगी लाभ उठा चुके हैं। इसके अलावा अलीमको (ALIMCO) के जरिए दिव्यांगों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराके सहायता प्रदान करने की परियोजनाएं चलाई जा रही हैं ।
- एसजेवीएन सामुदायिक परिसंपत्तियों के निर्माण में भी सक्रिय
- 200 से अधिक सामुदायिक परिसंपत्तियों का किया गया सृजन
एसजेवीएन पंचायत घर, महिला मंडल,खेल के मैदान आदि जैसी सामुदायिक परिसंपत्तियों के निर्माण में भी सक्रिय है और पिछले 5 साल में 200 से अधिक सामुदायिक परिसंपत्तियों का सृजन किया गया है। इसके अलावा एसजेवीएन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्साही आह्वान के परिप्रेक्ष में स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत 2421 शौचालयों का निर्माण करके स्वच्छ भारत अभियान में योगदान दिया है ।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर राजेश्वर गोयल, निदेशक (तकनीकी शिक्षा) ने 6 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद प्रदान करने के लिए एसजेवीएन के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि इस परियोजना को समय पर पूरा करने और अंगीकृत आईटीआई संस्थाओं को ‘उत्कृष्टता केन्द्र’ बनाने के लिए पूरे समर्पित प्रयास किए जाएंगे।